MP School-College News: भोपाल में अब कॉलेज और स्कूल संचालकों मनमानी नहीं चल पाएगी. मंगलवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी स्कूल-कॉलेज संचालक परिजनों पर यूनिफॉर्म और किताब के लिए दबाव डालता है तो उस पर सीधे FIR दर्ज होगी. इसके साथ ही संचालकों की मनमानी पर धार-144 के तहत बंदिश भी लगाई है.


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अगले शिक्षा सत्र के लिए कड़ा निर्देश
जानकारी के मुताबिक निजी स्कूल-कॉलेज संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं के एकाधिकार को खत्म करने के लिए कलेक्टर ने यह बड़ा कदम उठाया है. यानी अब भोपाल शहर के प्राइवेट स्कूल-कॉलेज के संचालक बच्चों पर यूनिफॉर्म, जूते, टाई, किताबें, कॉपियां, बैग किसी निर्धानित दुकानों से खरीदने का दबाव नहीं बना पाएंगे. कलेक्टर ने अगले शिक्षा सत्र के लिए कड़े निर्देश दिए है. अब इससे संस्थाओं के कमीशनखोरी का पूरा खेल बिगड़ जाएगा. 


कलेक्टर ने दिए ये आदेश 
वहीं कलेक्टर ने कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी प्राइवेट स्कूलों में अगले शिक्षण सत्र प्रारंभ होने से पहले किताब के लेखक और प्रकाशक के नाम, मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची और स्कूल यूनिफॉर्म विक्रेताओं की लिस्ट स्कूल के पटल पर चस्पा करने का आदेश दिया है. 


उन्होंने आदेश में कहा कि शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम अंकित नहीं होना चाहिए. स्कूल के नोटिस बोर्ड पर यह अनिवार्य से लिखें कि कहां से शिक्षण सामग्री मिलेगी. किसी को भी एक ही दुकान से शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए बाध्य नहीं करें. किताबों के अलावा यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कॉपियां आदि भी उन्हीं की शालाओं से उपलब्ध या विक्रय कराने का प्रयास नहीं किया जाएगा.  इसके साथ ही किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम अंकित नहीं होना चाहिए. आदेश का उल्लंघन करने पर स्कूल संचालक और प्राचार्य के खिलाफ धारा 188 के तहत केस दर्ज होगा. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.


रिपोर्ट- प्रमोद शर्मा