आखिरकार बकरी के लालच में फंसा गया टाइगर, मैनिट परिसर में दहशत का हुआ अंत
14 दिन की कड़ी मश्शकत के बाद आखिरकार आज वन विभाग ने मैनिट परिसर से आज बाघ का रेस्क्यू कर लिया है. वन विभाग की 50 लोगों की टीम लगातार सर्चिंग ऑपरेशन जारी रखे हुए थी. जिसके बाद शनिवार रात पौने 12 बजे बाघ ने पिंजरे में प्रवेश किया.
प्रियां पांडे/भोपाल: 14 दिन की कड़ी मश्शकत के बाद आखिरकार आज वन विभाग ने मैनिट परिसर से आज बाघ का रेस्क्यू कर लिया है. वन विभाग की 50 लोगों की टीम लगातार सर्चिंग ऑपरेशन जारी रखे हुए थी. जिसके बाद शनिवार रात पौने 12 बजे बाघ ने पिंजरे में प्रवेश किया. अब मेडिकल परीक्षण के बाद बाघ को सतुपड़ा के टाइगर रिसोर्ट भेज दिया गया है.
वहीं इस मामले में वन विभाग का कहना है कि मैनिट समेत ज्यादातर जो बड़े कैंपस हैं, पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. यही वजह है कि वन्य प्राणी इसमें प्रवेश कर पा रहे हैं. लगभग सभी बड़े कैंपस की बाउंड्रीस या तो टूटी हैं या आधी अधूरी इस वहज से इस तरह वन्य जीव इन इलाकों में प्रवेश कर रहे हैं.
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ज्यादातर बड़े कैंपस सुरक्षित नहीं - वन विभाग
भोपाल डीएफओ अलोक पाठक ने बताया कि भोपाल में ज्यादातर बड़े कैंपस सुरक्षित नहीं है, मैनिट, वालमी और एक्लेन्स समेत ज्यादातर बड़े कैंपस में बाउंड्री या तो टूटी फूटी है या आधी बानी है साथ ही साफ़ सफाई प्रॉपर नहीं होती. ऐसा बड़ा हिस्सा है, जहां कोई भी आता जाता नहीं है. जिससे वे हिस्से घने होते जा रहे हैं. साथ ही इन हिस्सों में मवेशियों की संख्या भी ज्यादा है और जल स्त्रोत भी है. जिसके कारण वन जीव यहां प्रवेश भी आसानी से कर लेते हैं. और लम्बे समय तक रुक भी जाते हैं. लेकिन अब हमने सभी को निर्देशित कर दिया है कि वो जल्द से जल्द इन बातों को ध्यान में रखते हुए सुधार करें.
नई टेरिटरी की खोज में कर रहा है सबएडल्ट टाइगर
वन विभाग ने टाइगर की पहचान टी 123-4 के तौर पर की थी, जो की सब एडल्ट टाइगर है. यानि की इसकी उम्र ढाई से तीन साल के बीच है. ये बाघ लगातार नए टेरिटरी की खोज में मूव कर रहा था लेकिन सबसे ज्यादा दिन यह मैनिट कैंपस में ही रुका. वन विभाग इसे इस एंगल से भी देख रहा है कि क्योंकि मैनिट में पालतू पशुओं के साथ-साथ घने जंगल और जल स्त्रोत भी था तो ऐसे में बाघ इसे भी अपनी नई टेरिटरी के तौर पर देख सकता है.
5 कैमरे तीन पिंजरे का बिछाया था जाल
मैनिट परिसर में वन विभाग ने 5 कैमरे लगाए थे. जिसमें लगातार बाघ की तस्वीरें कैप्चर हो रही थी. इसके साथ साथ 3 पिंजरे भी लगाए गए थे, पिंजरे में बाघ को बुलाने के लिए बकरी भी रखी गई थी. बाघ ने दो बार पिंजरे में प्रवेश भी किया लेकिन अंदर नहीं गया, जिसके कारण अब तक उसका रेस्क्यू नहीं किया जा सका था. लगातार पगमार्क और तस्वीरों के माध्यम से उसके मूवमेंट का पता लगाया जा रहा था.