भोपाल। शादी की तैयारियां एक महीने पहले से शुरू हो जाती हैं, क्योंकि विवाह समारोह में सबको बुलाया जाता है. ऐसे में आपने एक से बढ़कर एक शादी समारोह के बारे में तो जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी विवाह-विच्छेद समारोह के बारे में सुना है, तो आपका जवाब होगा नहीं. लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 18 सितंबर को होने जा रहा विवाह विच्छेद समारोह चर्चा का विषय बना हुआ है. क्योंकि यहां शादी टूटने की खुशी मनाई जा रही है. 


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शादी टूटने की खुशी 
शादी टूटने की इतनी खुशी है कि कार्ड छपवाकर मेहमानों को बुलाया जा रहा है. खास बात यह है कि शादी के दौरान जिस तरह से अलग-अलग रश्में होती हैं, ठीक उसी तरह विवाह-विच्छेद समारोह में भी अलग-अलग रश्में होगी. जिसमें जयमाला विसर्जन, बारात निर्गमन के साथ जेंट्स संगीत, सद्बुध्दि शुध्दिकरण यज्ञ और मानव सम्मान में कार्य करने हेतु सात कदम और सात प्रतिज्ञा भी दिलाई जाएंगी. इस आयोजन में बीते ढाई साल में तलाक लेकर मुसीबत बन गई शादी शुदा जिंदगी से बाहर आए 18 पुरुषों को विवाह विच्छेद के दस्तावेज भी समारोहपूर्वक दिए जाएंगे. 


बताया जा रहा है कि  इस आयोजन का मकसद यही कि तलाक की प्रक्रिया में जिन पुरुषों ने मानसिक प्रताड़ना झेली है. वो नए सिरे से उत्साह के साथ फिर नई जिंदगी शुरु कर पाएं, इसलिए वह अपनी पुरानी जिंदगी से बाहर आए और नए तरीके से अपनी जिंदगी शुरू करें. 


भाई वेलफेयर सोसायटी भोपाल करा रही आयोजन 
विवाह विच्छेद समारोह अनोखा और देश में अपने तरह का पहला मामला है, जिसका आयोजन भाई वेलफेयर सोसायटी भोपाल द्वारा कराया जा रहा है. जिसके अध्यक्ष जकी अहमद है. इस आयोजन के पीछे का उद्देश्य लोगों को पुरानी जिंदगी से बाहर निकालकर नई जिंदगी में आगे बढ़ाना है. इसके पीछे तर्क है कि जिस तरह शादी का जश्न मनाते हैं. लेकिन तलाक का उत्सव उससे ज्यादा जरुरी है. क्योंकि 100 में से भले 30 शादियां टूटें लेकिन उसके बाद पुरुष जिस ट्रामा से गुजरता है, उससे उसे बाहर निकालना बहुत जरूरी है. 


18 लोगों का विवाह-विच्छेद समारोह 
भाई वेलफेयर सोसायटी का कहन है कि आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक और मानसिक जितने भी मोर्चों पर पुरुष लड़ता है, उसके बाद जब ये आजादी मिलती है तो उसे दुबारा जिंदगी शुरु करने के लिए एक तरह के उत्सव की बेहद जरुरत है. हमारा संगठन ऐसे ही भाईयों के केस लड़ता है, पिछले ढाई साल में ऐसे 18 भाई हैं जो उस शादी से मुक्त हो गए, जिससे उनका जीना मुश्किल हो गया था. हम लोग इन्हें हेल्पलाइन के जरिए मानसिक रुप से मजबूत करते हैं. अदालती लड़ाई तो होती है. फिर जयादातर मामलों में सेटलमेंट में ही बड़ी रकम देकर छुटकारा मिलता है. तो जिस तनाव से ये लोग गुजरे हैं. नई जिंदगी में नए उत्साह से ये आगे बढ़ सकें इसलिए इस तरह के आयोजन की बेहद जरुरत है. 


ऐसे में भोपाल में 18 सितंबर को आयोजित होने वाला यह समारोह चर्चा का विषय जरूर बन गया है. क्योंकि यह इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है, जहां शादी होने की नहीं बल्कि शादी टूटने की खुशी मनाई जाएगी.