भोपाल: मध्यप्रदेश में किसानों को मंडियों में लहसुन और प्याज का रेट लागत मूल्य से काफी कम मिल रहा है. जिसे लेकर किसानों की नाराजगी भी साफ देखने को मिली थी. पिछले हफ्ते कुछ किसानों ने लहसुन को तालाब में फेंक दिया था. इसके जरिए वे सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते थे. उनका कना है कि लागत तो दूर अभी जो दाम मिल रहे है इसमें मंडी तक फसल ले जाने का भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा है. अब ऐसे में किसानों के लिए बड़ी खबर है.


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गुस्से में किसान ने लहसुन तालाब में फेंका, मंडी तक ले जाने का किराया भी नहीं मिल रहा


दरअसल ऐसी स्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंडियों में लहसुन की आवक और मूल्य पर बैठक ली है. उन्होंने कहा है कि  लहसुन उत्पादक किसानों को फसल के सही दाम दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं. 


किसानों के साथ न हो अन्याय
सीएम शिवराज ने मंडियों में लहसुन की आवक और मूल्य पर बैठक में कहा कि लहसुन उत्पादक किसान संगठित नहीं हैं, इस कारण उनके साथ अन्याय नहीं हो. लहसुन के सही दाम दिलवाने के लिए जिला प्रशासन अपने स्तर पर कार्यवाही करे.


मंडियों में लगेगी लहसुन की ग्रेडिंग मशीनें
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले, इस उद्देश्य से मंडियों में ग्रेडिंग की व्यवस्था स्थापित की जाए. बैठक में बताया गया कि देवास, धार, मंदसौर, नीमच, रतलाम और उज्जैन की मंडियों में ग्रेडिंग मशीन लगाई जाएगी. 


किसानों ने फेंके थे लहसुन
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में किसानों ने स्थानीय मंडी में अपनी उपज के औने-पौने दाम मिलने के कारण कई क्विंटल लहसुन को नाले में फेंक दिया था. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. उसका कहना था कि जो दाम मिल रहे थे वह खेती के हिसाब से बेहद घाटे का सौदा था.