आकाश द्विवेदी/भोपालः 1984 में हुए भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. गैस त्रासदी आपराधिक मामले में 12 साल बाद 24 मई को सेंशस कोर्ट का अंतिम फैसला आ सकता है. भोपाल गैसकांड के मामले में लगातार सुनवाई  होगी. सेशन कोर्ट में 25 से 29 अप्रैल तक रोज डेढ़ घंटे सुनवाई होगी. इसके बाद 24 मई को मामला अंतिम निर्णय के लिए रखा जाएगा. 2010 में भोपाल गैसकांड मामले में आरोपियों को 2-2 साल की सजा सुनाई गई थी.


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7 भारतीय अधिकारियों को दोषी पाया था
2010 से यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) और उसके 7 भारतीय अधिकारियों के खिलाफ लंबित कार्यवाही का अंत हो सकता है. 2010 में जिला अदालत ने यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड और उसके 7 भारतीय अधिकारियों को दोषी पाया था. उनपर धारा 304-A,336,337,338 और धारा 35 लगी थी. 2010 में भोपाल गैसकांड मामले में आरोपियों को 2-2 साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद सजा के खिलाफ दोषियों ने ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया था. मामले पर अब प्रतिदिन सुनवाई के फैसले के बाद पीड़ितों को जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. भोपाल में 1984 में यूनियन कार्बाइड से निकली जहरीली गैस रिसाव से हजारों लोगों ने जान गवाई थी. यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड और उसके दोषी अधिकारियों की मांग पर उन्हें मोहलत दी गई थी और आदेशित किया था कि 25 अप्रैल से 29 अप्रैल 2022 तक वो सभी अपनी अंतिम दलीले पेश करें और 24 मई को मामले में अंतिम निर्णय के लिए रखा जाएगा.


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