MP नर्सिंग घोटाले में बड़ा खुलासा, कई कॉलेजों के अस्तित्व पर उठे सवाल
MP Nursing Scam: नर्सिंग घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है. अनसूटेबल पाए गए 66 नर्सिंग कॉलेजों में से 10 नर्सिंग कॉलेजों के अस्तित्व पर ही सवाल उठ रहे हैं. इनमें 2 नर्सिंग कॉलेज डेफिसिएंट की सूची में हैं जबकि 8 अनसूटेबल कटेगरी में हैं.
MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. नर्सिंग घोटाले में हर दिन कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. बता दें कि जिन नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच पर सवाल खड़े हो गए हैं उस मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है. दरअसल,अनसूटेबल पाए गए सभी 66 नर्सिंग कॉलेजों के सभी सत्रों और पाठ्यक्रमों की मान्यता रद्द कर दी गई है. इन कॉलेजों की मान्यता रद्द करने के लिए भेजे गए पत्र 8 कॉलेजों में दिए गए पते पर नहीं पहुंचे. पत्र वापस नर्सिंग काउंसिल कार्यालय में लौट आए. अब इन कॉलेजों के अस्तित्व पर ही सवाल उठ रहा है कि क्या ये कॉलेज वास्तव में अस्तित्व में हैं या सिर्फ कागजों पर ही संचालित हो रहे थे.
सवालों के घेरे में है इन कॉलेजों की सीबीआई जांच!
बता दें कि डेफिसिएंट की सूची में दो कॉलेजों एक्यूरेट इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग रिसर्च, रायसेन और महादेव इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग का नाम शामिल है. जबकि अनसूटेबल की श्रेणी में सुशीला नर्सिंग कॉलेज सीहोर, शक्ति विद्या मंदिर कॉलेज ऑफ नर्सिंग मंडला, द होली फेथ इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग भोपाल, रितु कॉलेज ऑफ नर्सिंग साइंस छिंदवाड़ा, छत्रसाल कॉलेज ऑफ नर्सिंग पन्ना, आधार नर्सिंग कॉलेज छतरपुर, जय मां भगवती नर्सिंग ग्वालियर , जेके कॉलेज ऑफ नर्सिंग उज्जैन का नाम शामिल है.
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कुछ अधिकारी घोटाले में लिप्त
दरअसल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच शुरू हुई थी, लेकिन बाद में इस मामले में सीबीआई के ही कुछ अधिकारी घोटाले में लिप्त पाए गए थे. सीबीआई के अधिकारियों ने कॉलेजों को क्लीन चिट देने के बादले में रिश्वत ली थी. हालांकि बाद में धीरे-धीरे पूरे मामले की परते खुली तो सीबीआई के ही कुछ अधिकारियों को मामले में गिरफ्तार किया गया था. अब तक मध्य प्रदेश के नर्सिंग घोटाले के मामले में पुलिस ने कुल 23 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. जबकि कुल 13 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें से सभी को 29 मई तक हाईकोर्ट ने रिमांड पर भेज दिया है.
रिपोर्ट- आकाश द्विवेदी