MP Election: अभिषेक गौर। मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले जमकर लोकापर्ण और भूमिपूजन का दौर भी चल रहा है. ऐसे में आचार संहिता लगने से पहले विधायकों में श्रेय लेने की होड़ भी लगी हुई है. नर्मदापुरम जिले में ऐसा ही नजारा देखने को मिला है, जहां बीजेपी के दो विधायकों ने एक ही ब्रिज का दो बार भूमिपूजन कर दिया, इसकी वजह भी दिलचस्प हैं. 


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पुल का दो बार भूमिपूजन 


दरअसल, नर्मदापुरम-माखननगर के बीच तवा नदी पर करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से नया पुल बनने वाला है, ऐसे में पहले 2 अक्टूबर को सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह और सांसद उदय प्रताप सिंह ने इस पुल का भूमिपूजन किया. इसके तीन दिन बाद नर्मदापुरम विधायक डॉ सीताशरण शर्मा ने दोबारा भूमि पूजन किया. जिससे यह पूरा मामला चर्चा में बना हुआ है. 


दोनों विधानसभा में आ रहा है पुल 


एक ही पुल का दो बार भूमिपूजन करने की दिलचस्प वजह सामने आई है. दरअसल पुल के एक छोर पर नर्मदापुरम तो वहीं दूसरे छोर पर माखननगर है. पुल का एक छोर नर्मदापुरम विधानसभा में आ रहा है, जबकि दूसरा छोर सोहागपुर विधानसभा में आ रहा है. ऐसे में विधायकों ने इसका अपने-अपने हिसाब से भूमिपूजन कर दिया. 


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गुटबाजी की बात को विधायक ने नकारा 


नर्मदापुरम विधायक डॉ सीताशरण शर्मा ने गुटबाजी की बातों को नकारा है. दूसरी बार भूमि पूजन के सवाल का जवाब देते हुए विधायक ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है, ऐसा पहले भी हुआ है. कहीं कोई विरोधाभास भी नहीं है, क्योंकि यह पुल दोनों क्षेत्रों को जोड़ता है दोनों तहसीलों को भी जोड़ता है, इस तरफ नर्मदापुरम है और उस तरफ बाबई है तो दोनों जगह अलग-अलग भूमि पूजन हुए हैं यह कोई बड़ी बात नहीं है. विधायक कुछ भी कहे लेकिन एक ही पुल का दो बार भूमिपूजन होने से यह मामला चर्चा में जरूर बना है. 


विधायक डॉ सीताशरण शर्मा का कहना है कि तकरीबन 150 करोड रुपए का यह पुल है, 24 महीने इसकी डेट है और बरसात का समय जोड़कर 32 महीने में यह पूर्ण हो जाएगा. हमारा अनुमान है और ठेकेदार साहब कह रहे हैं कि 6 महीने पहले ही पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. 


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