MP Politics: Jyotiraditya Scindia पर निशाना साधना KP Yadav को पड़ा भारी! BJP ने लिया ये एक्शन
BJP has taken action on KP Yadav: गुना सांसद केपी यादव को प्रदेश भाजपा ने तलब किया है. केपी यादव अपने को लेकर पार्टी की गुटबाजी को हवा दे रहे हैं. पार्टी केपी यादव के बयान से नाराज है. केपी ने नाम लिए बिना सिंधिया पर निशाना साधा था.
आकाश द्विवेदी/भोपाल: भारतीय जनता पार्टी ने गुना से सांसद केपी यादव पर बड़ा एक्शन लिया है.बिना नाम लिए गुना से सांसद के पी यादव ने केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और उनके घराने पर निशाना साधा था.उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उनके बयान पर नाराजगी जताते हुए उनको तलब कर दिया है और इस पर जवाब मांगा है. गौरतलब है कि साल के अंत में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि संगठन पूरी तरह से एकजुट रहें और कहीं ना कहीं के पी यादव के बयान से गुटबाजी को हवा दे रहे थे और इसके बाद अब पार्टी ने उनको तलब किया है.
केपी यादव ने क्या बोला था?
दरअसल, केपी यादव आरएसएस के आनुषंगिक संगठन क्रीड़ा भारती खेल और खिलाड़ियों को समर्पित संस्थान गुना में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां वे खिलाडिय़ों की माताओं का सम्मान करने और वीरमाता जीजा बाई सम्मान समारोह में शामिल होने आए थे. गुना में सांसद केपी यादव ने क्रीड़ा भारती खेल एवं खेल संस्थान के कार्यक्रम में कहा कि रानी लक्ष्मीबाई झांसी की ही थीं और उनकी वीरता के बारे में हम सब जानते हैं. हम यह भी जानते हैं कि यदि कुछ लोगों ने गद्दारी नहीं की होती तो आज भारत स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ नहीं बल्कि 175वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ भी मना रहा होता.
उल्लेखनीय है कि एक समय केपी यादव मूंगावली जिला पंचायत में सिंधिया के प्रतिनिधि हुआ करते थे. केपी यादव ने 2018 में मुंगावली सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया से टिकट की मांग की थी, लेकिन बृजेंद्र यादव को टिकट मिलने के बाद केपी यादव बीजेपी में शामिल हो गए. जिसके बाद बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना-शिवपुरी सीट पर केपी यादव को टिकट दिया था. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को केपी यादव ने सवा लाख वोटों से हरा दिया था.
हालांकि, अगले ही साल सिंधिया कई विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए.पहले राज्यसभा सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री बने. इसके बाद कहीं ना कहीं कई मौकों पर केपी यादव की नाराजगी सामने आई और अब पार्टी ने उनको तलब किया है.