नई दिल्ली: 'नाम गुम जाएगा', 'मेरी आवाज ही मेरी पहचान है', 'हुजूर इस कदर भी ना इतरा के चलिए' जैसे फेमस गाने गाने वाले मशहूर सिंगर भूपिंदर सिंह (Singer bhupinder Singh) का निधन हो गया है. भूपिंदर सिंह ने 82 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके जाने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. उनके निधन का जानकारी उनकी पत्नी मिताली सिंह ने दी है. उनका इलाज मुंबई के एक अस्पताल में चल रहा था. बताया जा रहा है उनकी मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है.


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9 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे
उनकी पत्नी मिताली सिंह ने बताया कि वे पिछले 9 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. सोमवार देर शाम दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. उन्हें कई हेल्थ प्रॉब्लम थीं. इसमें यूरिनरी इश्यू भी शामिल थे. अभी भूपिंदर सिंह के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है. भूपिंदर के निधन की खबर से उनके फैंस के बीच भी मायूसी छा गई है.


6 फरवरी 1940 को हुआ था जन्म
भूपेंद्र सिंह का जन्म 6 फरवरी 1940 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. पिता प्रोफेसर नत्था सिंह भी एक बेहतरीन संगीतकार थे. साल 1978 में रिलीज हुई फिल्म में गुलजार के लिखे गाने ‘वो जो शहर था’ से भूपेंद्र सिंह को लोकप्रियता हासिल हुई. भूपेंद्र ने 1980 में बांग्ला गायिका मिताली मुखर्जी से शादी की. हालांकि, दोनों की कोई संतान नहीं है.


ऑल इंडिया रेडियो से पहुंचे मुंबई
करियर की शुरुआत में भूपिंदर सिंह दिल्ली के ऑल इंडिया रेडियो में परफॉर्म किया करते थे. 1962 में म्यूजिक डायरेक्टर मदन मोहन ने AIR के प्रोड्यूसर सतीश भाटिया की डिनर पार्टी में भूपिंदर को गाते हुए सुना. इसके बाद उन्होंने भूपिंदर को माया नगरी बुलाया और मोहम्मद रफी, तलत महमूद और मन्ना डे के साथ 'होक मजबूर उसने मुझे बुलाया होगा' गाने को गाने का मौका दिया.


ये हैं कुछ सुपरहिट गाने
दिल ढूंढता है, नाम गुम जाएगा, एक अकेला इस शहर में, बीते ना बिताए रैना, हुजूर इस कदर भी ना इतरा के चलिए, किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है, बादलों से काट काट के, जैसे सुपरहिट गाने. 


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