बुरहानपुर: बुरहानपुर‎ की  लोधीपुरा स्थित दरगाह-ए-हकीमी (Dargah e Hakimi) के खेत में मिली हनुमानजी की प्रतिमा की पूजा को लेकर विवाद अब गरमाने लगा है.दरगाह-ए-हकीमी ट्रस्ट की भूमि पर हनुमानजी की प्राचीन मूर्ति और मंदिर के अवशेष का पता चलने के बाद हिन्दू संगठनों ने उस पर अपना अधिकार जमाया है. हिंदू संगठनों ने दरगाह के गेट का ताला तोड़कर हनुमान मंदिर पहुचकर पूजा अर्चना भी कर दी. वहीं दरगाह प्रबंधन का‎ कहना है बिना अनुमति के निजी‎ संपत्ति में जबरन प्रवेश किया गया है.


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बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस बल घटना स्थल पर पहुंचा है. दोनों पक्षों के बीच जब गेट खोलने पर सहमती नहीं बनी. दरगाह-ए-हकीमी ट्रस्ट भक्त और भगवान के बीच आ रहा था तो गुस्साई भीड ने मौका पाकर गेट का ताला तोडकर अन्दर प्रवेश कर दिया.


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खसरा नक्शा में भी जिक्र
वहीं मौके पर मौजूद हनुमान भक्त महेश चौहान ने बताया कि जब हमने इस मंदिर के बारे में जानकारी हासिल करना चाही तो हमें 1912 का नक्शा मिला, जिसमें लगभग 4 एकड़ में हनुमान मंदिर और बड़े शिवलिंग का जिक्र है. जब इस बारे में पुराने लोगों से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि दरगाह के पीछे खेत पर संभवत: वो मंदिर मिलेगा. जब हम यहां पहुंचे तो हमें गंदगी में हनुमान जी की मूर्ति मिली है. उसके बाद हमें पूरा विश्वास हुआ कि वो नक्शा झूठा नहीं था, प्रमाणिक बात है.


निजी प्रॉपर्टी का ताला तोड़ा 
वहीं इस पूरे मामले पर एसडीएम दीपक चौहान ने बताया कि दरगाह-ए-हकीमी की निजी जामिन पर गेट में अनाधिक्रत प्रवेश किया गया है. यदि ट्रस्ट कार्रवाई की मांग करता है तो नियमानुसार उचित करवाई होगी.


जानिए अब पूरा मामला
दरअसल बोहरा समाज की दरगाह-ए-हकीमी और इच्छेश्वर मंदिर ट्रस्ट के बीच पहले से अतिक्रमण का विवाद कोर्ट में चल रहा है. वहीं दूसरा विवाद दरगाह-ए-हकीमी द्वारा खरीदे गए खेत को लेकर उपजा है. हिंदू संगठन इसी खेत पर शिवालय और मंदिर होने की बात कर रहा है. हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि मंदिर भी तोड़ा गया है. वहीं जब इस बारे में दरगाह प्रबंधन का कहना है कि खेत खरीदते समय हमने मंदिर को वैसे ही रखने की बात कही थी, जिस पर वो आज भी कायम है. 


4 एकड़ जमीन का विवाद 
जिस दरगाह को लेकर मंगलवार को विवाद हुआ, वो 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली हुई है. दरगाह प्रबंधन ने आरोप लगाया कि जिस स्थान पर विवाद किया गया, उस खेत पर केले की फसल भी लगी हुई थी. वहां कई केले की फसलों को खराब कर दिया गया. जिस जमीन पर विवाद चल रहा है, वो 4 एकड़ पर है. जिसे 1986 में खरीदी गई थी. दरगाह प्रशासन इस हरकत के बाद काफी डरा हुआ है.