मध्य प्रदेश का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व यूं तो बाघों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन शुक्रवार से यहां तितलियों की गिनती शुरू हो गई है. 10 से ज्यादा राज्यों के विशेषज्ञ बांधवगढ़ पहुंचे हैं, ये सभी शुक्रवार से अगले तीन दिन तक बटरफ्लाई सर्वे करेंगे. इस सर्वे का उद्देश्य तितलियों को संरक्षित करने के लिए है. विशेषज्ञ बांधवगढ़ के बीट गार्ड और सुरक्षा श्रमिकों की टीम के साथ मिलकर मोबाइल एप में तितलियों के प्रकार खासियत और प्रजाति दर्ज कर रहे हैं. तितलियों की गणना का यह सर्वे 22 सितंबर तक चलेगा. बताया जा रहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तितलियों की कई प्रजातियां मौजूद हैं. 


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बांधवगढ़ में बने 20 कैंप 


बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने तितलियों की गणना के लिए निर्धारित नौ वन परिक्षेत्रों में 20 कैंप बनाए हैं, जहां से तितलियों के रहवास वाले दलदल और नमी वाले क्षेत्रों में जाकर एक्सपर्ट गणना के काम को अंजाम दें रहे हैं. पार्क के क्षेत्र संचालक गौरव चौधरी ने बताया है की बांधवगढ़ में तितली जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण अंग है, इसकी गणना हो जाने से तितलियों के रहवास वाले जंगल और तितलियों की दुर्लभ प्रजातियों के सरंक्षण को नई दिशा मिलेगी. इसलिए यह सर्वे तितलियों के सरंक्षण के हिसाब से बेहद अहम माना जा रहा है. 


70 तितलियों की प्रजाति


1536 वर्ग किलोमीटर में फैले मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में करीब 70 तितलियों की प्रजाति पाई जाती हैं. इस सर्वे के बाद बांधवगढ़ में बाघ, हाथी जैसे विशालकाय जीव के अलावा यहां की जैवविविधता की खासियत को सभी के समक्ष लाने का प्रयास किया जाएगा, वन्य जीवों के प्रति जन जागरूकता के उद्देश्य से भी यह सर्वे किया जा रहा है. इस सर्वे की उपलब्धि जैवविविधता में भी जुड़ जाएगी. खास बात यह है कि यह सर्वे आसान नहीं है. ऐसे में जंगलों में सुबह होने से पहले ही टीम एक्टिव हो जाती है और पैदल चल कर तितलियों की प्रजाति का सर्वे होता है. 


क्यों जरूरी है बटरफ्लाई सर्वे 


दरअसल, बटरफ्लाई सर्वे पर्यावरण के लिहाज से बेहद जरूरी है. क्योंकि तितलियां प्रकृति में अपना बड़ा सहयोग देती हैं. अगर तितलियों का अस्तित्व खत्म हो गया तो पौधों में फल और फूल नहीं आ सकते, क्योंकि पौधों में फल और फूल तितलियों की वजह से ही आते हैं, तितलियां इनमें परागण करती हैं, जिसके बाद ही फल और फूल आते हैं. ऐसे में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तितलियों के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए यह सर्वे किया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस सर्वे के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा तितलियों की प्रजातियां मिलने की पूरी संभावना है. शुक्रवार 21 सितंबर से शुरू हुआ यह सर्वे अभी दो दिन और चलेगा. 


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