नर्मदापुरम: मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के नर्मदापुरम (Narmadapuram) जिलें में  खोरीपुरा डेम (Khoripura Dam) की हालत इन दिनों जर्जर अवस्था में नजर आ रहा है. बारिश के दिनों में डेम पानी से लबालव भर जाता है, लेकिन डेम में जगह- जगह लीकेज होने से चार माह में पानी से लबालब भरा डेम खाली हो जाता है. जब से डेम का निर्माण हुआ है, उस समय से जिम्मेदार विभाग ने किसी भी तरह का मरम्मत कार्य की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. विभाग की लापरवाही की वजह से डेम जर्जर अवस्था मे पहुंच गया है.


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दरअसल किसानों की फसल सिंचाई के लिये जल संसाधन विभाग ने आज से लगभग 40 साल पहले तालपुरा पंचायत में डेम का निर्माण कराया था. ताकि बारिश के समय में पानी से लबालब होने के बाद डेम के पानी का उपयोग किसान फसल सिंचाई के लिए कर सकें. जब से जिम्मेदार विभाग ने डेम का निर्माण कराया उसके बाद से आज तक डेम के रखरखाव और मरम्मत कार्य की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है.लाखों रुपये की लागत से बना डेम अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है.


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अधिकारियों की लापरवाही
बता दें लाखों रुपये की लागत से बना डेम अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है. डेम में एक गेट का निर्माण भी किया गया था. जिसका रखरखाव नहीं होने की वजह से वह जाम हो गया है. वहीं डेम में से जगह- जगह से पानी लीकेज हो रहा हैं. जिससे डेम का पानी निकलकर बर्बाद हो रहा है. इस क्षेत्र के सैकड़ों किसान इसी डेम के सहारे अपनी फसल में सिंचाई के लिये आश्रित हैं लेकिन लीकेज की वजह से उनकी फसलों की सिंचाई को जितना पानी मिलना चाहिये वह नहीं मिल पा रहा है. जिससे उनकी उपज बेहतर नहीं हो पा रही है.


केंद्रीय जल आयोग प्रदेश के बांधों की जांच
बता दें मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के धार जिले( Dhar District) में स्थित कारम बांध(Karam Dam) के बीते साल टूटने के बाद केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) प्रदेशभर के बांधों की जांच करवा रहा हैं. इसमें प्रदेश में तीन ऐसे बांध पाए गए हैं, जिनके ढहने का खतरा है. इसमें नर्मदापुरम जिले में वर्ष 1981 में बना खोरीपुरा बांध भी शमिल है. केंद्रीय जल आयोग इस जर्जर अवस्था मे पहुंच रहे डेम की सुध लेते हुए जल संसाधन विभाग को तत्काल खोरीपुरा डेम के मरम्मत कार्य कराये जाने के आदेश जारी किये है. ताकि पानी की बर्बादी और किसानों को पर्याप्त पानी मिले सकें.


खोरीपुरा डेम जोखिम की श्रेणी में 
 खोरीपुरा डैम के जांच के मामले में जल संसाधन विभाग इंजी. के. जैन का कहना हैं कि केंद्रीय जल आयोग के निर्धारित फॉर्मेट है. उनमें वर्षा पूर्व और वर्षा के पश्चात तालाब और डैम के लिए फॉर्मेट में जानकारी भरी जाती है लेकिन फॉर्मेट को भरने मै क्लेरीकल मिस्टेक हुई है. इसके कारण खोरीपुरा डैम को जोखिम की श्रेणी में रख दिया है. जिससे भ्रम की स्थिति हुई है. जबकि डेम जोखिम की श्रेणी में नहीं है. उस परिपथ को भी सुधारा जा रहा है. वर्तमान में डेम सुरक्षित है उसमें खतरे जैसी कोई संभावना नहीं है.