सत्य प्रकाश/बस्तरः छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 की जीत के लिए कांग्रेस की कवायदें नजर आने लगी है. कांग्रेस के टारगेट में सबसे पहले आदिवासी इलाकों की सीटें हैं. विशेष तौर पर बस्तर की. ये कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में जिसने बस्तर की बाजी जीत ली वो सत्ता का सिरमौर हो गया और ये पहले के विधानसभा चुनावों में सही भी साबित हुआ है. बता दें कि यहां कि 12 सीटों पर कब्जा बनाए रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे में गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. इस दौरान वे 3 दिन बस्तर में बिताएंगे.


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जीत के लिए बनाएंगे रणनीति
गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बस्तर कि 12 विधानसभा सीटों में से 11 में जीत हासिल की थी. अगले ही साल हुए उपचुनाव में एक और सीट जीतकर कांग्रेस ने बस्तर की सभी 12 सीटें अपनी झोली में कर ली. लेकिन 2023 विधानसभा चुनावों में यहां कब्जा बनाए रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे में 28 अक्तूबर से  कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया तीन दिन बस्तर में बिताएंगे. पुनिया इस दौरान जगदलपुर और दंतेवाड़ा में नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर जीत की रणनीति बनाएंगे और जमीनी टोह भी लेंगे. महत्वपूर्ण ये भी है कि बस्तर से लौटने के बाद पीएल पुनिया की मौजूदगी में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी होगी और उसमें समीक्षा भी होगी. 


बीजेपी पहले ही कर चुकी है दौरा
बस्तर से लौटने के बाद पीएल पुनिया की मौजूदगी में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी होगी और उसमें समीक्षा भी होगी. हालांकि ये दौरा उस वक्त में काफी महत्वपूर्ण हो जा रहा है. जब प्रदेश में आरक्षण कटौती के हाईकोर्ट के फैसले के बाद आदिवासियों का बड़ा वर्ग नाराज है. बता दें कि कांग्रेस की इस कवायद से पहले बीजेपी के भी तत्कालीन प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी सहित अन्य करीब-करीब सभी वरिष्ठ नेताओं का पिछले दिनों में बस्तर दौरा और जीत पर कार्यकर्ताओं-नेताओं के साथ मंथन हो चुका है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71 विधायक हैं. जिसमें 29 आदिवासी विधायक हैं. प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए 29 सीटें आरक्षित है, जिसमें 27 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. वहीं 2 विधायक बीजेपी के हैं. जबकि 2 अन्य विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस के आदिवासी विधायक हैं.


भाजपा ने लगाया आरोप
मिशन बस्तर को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस आरक्षण कटौती के बाद भयभीत है. इसलिए पीएल पुनिया का पहले बस्तर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाने का कार्यक्रम था. लेकिन अब दो ही जगह जा रहे हैं. अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस अपने झूठ के जाल में खुद ही फंस चुकी है. वहीं पलटवार में कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कांग्रेस सरकार को आदिवासी हितैषी बताते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार के कामकाज से आदिवासी वर्ग खुश हैं. और बस्तर सहित अन्य आदिवासी सीटों पर फिर भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा.


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