Supreme Court on Cheetah Death: मध्यप्रदेश में लगातार हो रही चीतों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि चीतों को देश में बसाने में कुछ समस्याएं जरूर हैं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की दलील को स्वाकीर करते हुए अब इस मामले की सुनवाई बंद कर दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि कोर्ट ने केंद्र सरकार की दलीलों को स्वीकार करते हुए ये भी कहा कि भारत में चीतों को बसाने के प्रोजक्ट पर सरकार से सवाल पूछने का कोई कारण अब बचा नहीं है. 


रेपिस्ट के साथ मिलकर झोलाछाप डॉक्टर ने किया नाबालिग का गर्भपात, ऐसे हुआ बड़ा खुलासा


चीतों की मौत को लेकर याचिका दायर हुई थी
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को लाया गाया है. चार शावकों ने यहां जन्म लिया. इनमें से 6 चीते और 3 नन्हें शावकों की मौत हो गई है. इसी मामले के तहत याचिका दायर की गई थी.


क्या कहा केंद्र सरकार ने ?
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ को बताया कि चीतों को बसाने के लिए बहुत सारी तैयारी की गई है. हर साल करीब 12 से 14 चीतों को लाया जाएगा. कुछ समस्याएं हैं लेकिन चिंताजनक जैसा कुछ भी नहीं है. वहीं चीतों की मौत पर कुछ विशेषज्ञों ने चीतों पर इस्तेमाल की गई रेडियो कॉलर को भी माना है. जबकि सरकार ने आरोपों को वैज्ञानिक सबूत के बिना और अफवाह के रुप में इसे खारिज कर दिया. 


वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र के बयानों पर अविश्वास करने का कोई दूसरा कारण  नहीं मिला, और कोर्ट ने कहा कि इस परियोजना को न्यायपालिका के बजाय क्षेत्र के विशेषज्ञों के विवेक पर छोड़ देना चाहिए.


जानिए कब-कब हुई चीतों की मौत
26 मार्च: साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत
27 मार्च: ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया
23 अप्रैल: नर चीता उदय की दिल के दौरे से मौत
9 मई: मादा चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत
23 मई: ज्वाला के एक शावक की मौत
25 मई: ज्वाला के दो और शावकों की मौत
11 जुलाई: मेल चीता तेजस की मौत
14 जुलाई: मेल चीता सूरज की मौत
2 अगस्त : मादा चीता टिबलिसी की मौत