नामीबिया से भारत आने वाले चीते हैं खास! कई टेस्ट के बाद हुए सलेक्ट?
Cheetahs In India: चीतों को एक खास विमान से भारत लाया जाएगा. चीतों को लाने के लिए विमान में कुछ बदलाव किए गए हैं. यह एयरक्राफ्ट सामान्य विमानों से थोड़ा ज्यादा लंबा है और 16 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है.
नई दिल्लीः देश में विलुप्त होने के करीब 74 साल बाद एक बार फिर से भारत में चीतों(Cheetahs) का आगमन होने जा रहा है. अफ्रीकी देश नामीबिया से 8 चीते भारत आ रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि नामीबिया से कोई भी चीता ऐसे ही नहीं आ रहा है बल्कि इसके लिए वहां काफी समय तक परीक्षण चले. कई जांच के बाद 8 चीतों का चुनाव (Cheetahs selection process) किया गया है. भारत और नामीबिया के बीच करीब 12 साल तक आपसी समन्वय हुआ और उसके बाद तय हुआ कि किन चीतों को भारत भेजा जाएगा!
इन बातों का रखा गया ध्यान
बता दें कि चीतों को भारत लाने से पहले इस बात का ध्यान रखा गया कि ये चीते भारत की जलवायु में भी स्वस्थ रहें. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन चीतों के जंगली स्वभाव, शिकार करने के कौशल और जेनेटिक्स के आधार पर चुना गया है. जेनेटिक्स में इस बात का ध्यान रखा गया है कि ये चीते भारत में ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा कर सकें. नामीबिया से कुल 8 चीते भारत आ रहे हैं, इनमें से 5 मादा और 3 पुरुष चीते हैं. मादा चीतों की उम्र करीब 2-5 साल है और पुरुष चीतों की उम्र 4.5-5.5 साल है.
नामीबिया (Namibia) की चीता कंजरवेशन फाउंडेशन (CCF) के अनुसार, इन चीतों को एक खास विमान से भारत लाया जाएगा. चीतों को लाने के लिए विमान में कुछ बदलाव किए गए हैं. यह एयरक्राफ्ट सामान्य विमानों से थोड़ा ज्यादा लंबा है और 16 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है. ताकि ये चीते नामीबिया से सीधे भारत पहुंच सकें और बीच में ईंधन के लिए कहीं रुकने की जरूरत ही ना पड़े.
सैटेलाइट कॉलर (Satellite collar) से होंगे लैस
भारत आ रहे चीतों को वैक्सीनेट किया गया है और साथ ही उन्हें सैटेलाइट कॉलर भी पहनाया गया है ताकि जंगल में उन्हें आसानी से ट्रैक किया जा सके. ये चीते पहले जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से एमपी के कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा.
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) खोलेंगे पिंजरा
कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में पीएम नरेंद्र मोदी पिंजरा खोलकर इन चीतों को भारत की धरती पर आजाद करेंगे. हालांकि शुरुआती 30 दिनों तक ये चीते 6 वर्ग किलोमीटर के इलाके में रहेंगे, जहां उन्हें रखने के लिए 9 कंपार्टमेंट बने हैं. इस दौरान उनकी सेहत और खान पान पर नजर रखी जाएगी. 30 दिनों के बाद सबकुछ ठीक रहने पर इन चीतों को शिकार के लिए जंगल में छोड़ दिया जाएगा.