हरीश गुप्ता/छतरपुर: मध्यप्रदेश के प्रशासनिक महकमे से बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर के पद से निशा बांगरे ( Nisha Bangre Resign) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे की वजह उन्होंने छुट्टी न मिलना बताई है. साथ ही उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर अपनी धामिर्क भावना आहत करने का गंभीर आरोप भी लगाया है.


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छुट्टी नहीं मिली तो इस्तीफा
निशा बांगरे ने अपने इस्तीफे में जिक्र किया है कि अपने घर के शुभारंभ कार्यक्रम के मौके पर उपस्थिति रहने की अनुमति न देने और धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति ना देने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा है. उन्होंने ये पत्र सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है. बता दें कि निशा बांगरे का गृह प्रवेश कार्यक्रम 25 जून को बैतूल जिले के आमला में होना था, जिसके लिए उन्हें छुट्टी नहीं दी गई.



धार्मिक भावनाएं आहत हुई- निशा
अपने इस्तीफे के पत्र में निशा ने इस बात का जिक्र भी किया है कि उनकी धार्मिक भावना को काफी ठेस पहुंची है. इसी वजह से वो अपना इस्तीफा सौंप रही है. वतर्मानन में निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुश नगर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं. कुछ दिन पहले वो चुनाव लड़ने को लेकर भी सुर्खियों में आई थीं.


कौन है निशा बांगरे
निशा बांगरे का जन्म बालाघाट में हुआ था.  इन्होंने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की. इसके बाद अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया. हालांकि ये अपने इस काम के अलावा जनसेवा करना चाहती थीं. इस विचार को लेकर इन्होंने  2016 में एमपी पीएससी की परीक्षा दी और इनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ.


राजनीति में जाने का बनाया मन!
इसके अलावा नौकरी को छोड़ करके राजनीति में जाने का मन बनाने की खबरे भी बीते महीने सामने आई थी. निशा बांगरे ने कहा था किसेवा अभी भी जारी है लेकिन मौका मिला तो और बेहतर करेंगी. बता दें कि प्रदेश में कई ऐसे नेता है जिन्होंने अपनी नौकरी को त्याग राजनीति में कदम रखा और आज अच्छे पदों पर हैं. उन्हीं की राहों पर चलने के विचार में निशा बांगरे भी हैं.