हरीश गुप्ता/छतरपुर : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर  (Chhatarpur) जिले से एक मामला सामने आया है. जहां पर एक दूल्हा अपनी बारात में डीजे के साथ दुल्हन के घर पहुंचा तो काजी साहब इससे नाराज हो गए और उन्होंने कई घंटे तक निकाय नहीं पढ़ा (Qazi Sahib did not read Nikaya), जब दूल्हा-दुल्हन के पक्ष के लोगों ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी तो काजी साहब माने. निकाह न पढ़ने को लेकर काजी साहब का कहना था कि डीजे इस्लाम में हाराम  (DJ is forbidden in Islam) है और साथ ही साथ डीजे के बजने के कारण आसपास के लोगों को भी काफी परेशानी होती है.इसलिए उन्होंने निकाह पढ़ने से मना कर दिया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

छतरपुर के नौगांव का है मामला 
दरअसल, छतरपुर जिले नौगांव में डीजे के साथ बारात लाने पर काजी ने निकाह पढ़ने से मना कर दिया. काफी देर बाद वर-वधू पक्ष के सार्वजनिक माफ़ी मांगने पर काजी निकाह पढ़ा और नौगांव में डीजे के कारण एक काजी ने निकाह पढ़ाने से मना कर दिया. 


OPS को लेकर सियासत तेज! BJP MLA बोले-पुरानी पेंशन के लिए लड़ूंगा, भले ही पार्टी मुझे निकाल दे


काजी ने देर रात 1:30 बजे निकाह पढ़ाया
बता दें कि डीजे की रोक के बावजूद डीजे बजाते हुए दूल्हा बारात के साथ दुल्हन के घर पहुंच गया. इस पर काजी साहब बिखर गए और उन्होंने निकाह पढ़ाने से मना कर दिया. करीब 4 घंटे चले मान मनोव्वल के बाद काजी एक शर्त के साथ मान गए. शर्त के अनुसार वर-वधू पक्ष के लोगों ने स्टेज पर जाकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी. इसके बाद देर रात 1:30 बजे काजी ने निकाह पढ़ाया.


इसलिए निकाह पढ़ने से किया मना
निकाह पढ़ने से मना करने को लेकल शहर काजी ने कहा कि उन्होंने शादी में फिजूल खर्ची रोकने के लिए तंजीम चलाई है. शादी में डीजे बजाना और नाचना गाना इस्लाम में हराम है. शरीयत भी इसके लिए मना करती है. डीजे पर शराब पीकर नाचते हैं और हुड़दंग मचाते हैं. देर रात डीजे से आसपास में रहने वाले लोगों को भी परेशानी होती है और बच्चे पढ़ नहीं पाते.