Sagar News In Hindi: सरकार बाल विवाह को लेकर चाहे कितने भी सख्त कानून बना ले और कितने भी जन जागरूकता अभियान चला ले, लेकिन बाल विवाह की प्रथा थमने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले से आया है. जहां बाल विवाह की आधी से ज्यादा रस्में पूरी हो चुकी थीं, लेकिन जब अफसरों की टीम पहुंची तो शादी रोकनी पड़ी. बता दें कि ये बाल विवाह यूं ही नहीं रुका, शादी रोकने के लिए टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी. टीम को नेताओं का रौब दिखाया गया. इसके बावज़ूद टीम ने ये बाल विवाह रुकवाया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानिए पूरा मामला
दरअसल सागर जिले के रानगिर देवी मंदिर परिसर में शादियों के शुभ मुहूर्त में बड़े पैमाने पर शादियां होती हैं और यह सिलसिला यहां अभी भी जारी है. यहां बड़ी संख्या में लोग यहां विवाह करने पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में एक बाल विवाह की सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग और सागर प्रशासन को मिली. प्रशासन को यह खबर सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत के अलावा कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के जरिए मिली. मामले की गंभीरता को देखते हुए सागर से एक विशेष टीम रानगिर पहुंची. यहां बाल विवाह हो रहा था, जिसमें लड़की की उम्र कम थी.


ग्रामीणों ने दिखाया नेताओं का रौब
बता दें कि जब टीम ने शादी रोकने को कहा तो परिजनों ने नेताओं और मंत्री का हवाला देकर रौब दिखाया. लेकिन टीम ने उनकी एक नहीं सुनी और समझाने के बाद आखिरकार शादी रोक दी गई. शादी में शामिल दोनों पक्ष इस बात पर राजी हो गए हैं.


यह भी पढ़ें: MP में ATS की बड़ी कार्रवाई, इस शहर से इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी गिरफ्तार, निशाने पर थे सुरक्षाबल


टीम को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत
महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी ने बताया कि सागर जिले के रहली थाना अंतर्गत रानगिर में बाल विवाह होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद रहली पुलिस के साथ टीम रानगिर पहुंची और बाल विवाह रुकवाया. मुखबिर से सूचना मिली थी कि रानगिर में नाबालिग लड़की (उम्र करीब 17 साल 3 महीने) की शादी हो रही है. सूचना मिलने के बाद जब हम रहली पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा कि रानगिर में पंडित द्वारा रीति-रिवाज के अनुसार आधी शादी पहले ही हो चुकी थी. बाल विवाह रुकवाने में टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.


रिपोर्ट- महेंद्र दुबे