Ban on Adipurush: बॉलीवुड (Bollywood) में कई फिल्में ऐसी रही हैं, जिनके रिलीज होने पर अलग-अलग राज्यों में या तो बैन लगाया गया, या फिर बैन की मांग उठने लगी. हाल ही में द केरल स्टोरी (The Kerla story) के प्रदर्शन पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने रोक लगा दी थी, वहीं अब फिल्म आदिपुरुष को लेकर भी लोग ये मांग कर रहे हैं कि इसे बैन कर देना चाहिए. क्योंकि इसमें भगवान के चित्रणों को गलत तरीके से दिखाया गया है. 


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वहीं आदिपुरुष फिल्म (Adipurush) को लेकर विवाद काफी गरमाया हुआ है. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल तो कह चुके हैं, कि इस फिल्म को बैन करना चाहिए. आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. इसे लेकर भूपेश बघेल ने ट्वीट किया कि - केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी का भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में सभी श्री राम भक्तों और प्रदेशवासियों की ओर से स्वागत है. साथ ही विनम्र निवेदन करता हूं कि आज ही रामायण और प्रभु की छवि बिगाड़ने वाली फिल्म आदिपुरुष को बैन करने की घोषणा करें. 


इस बीच सवाल ये उठ रहा है कि क्‍या राज्‍य सरकार के पास सेंसर बोर्ड से पास किसी फिल्‍म पर बैन लगाने का कानूनी अधिकार है या नहीं? क्या सीएम बघेल खुद इस फिल्म को अपने राज्य में बैन नहीं कर सकते? क्यों वो गृहमंत्री से अपील कर रहे हैं? चलिए जानते हैं...



क्या राज्य फिल्म को बैन कर सकता है?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2011 में अपने एक फैसले में कहा था कि सेंसर बोर्ड ने अगर किसी फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर दिया है तो कोई राज्य उस फिल्म के रिलीज होने पर पाबंदी नहीं लगा सकता है. तब सुप्रीम कोर्ट ने विशेष टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार का काम कानून व्यवस्था संभालना है, ना कि किसी फिल्म की अलोचना करना. अगर इस फैसले को ही नजीर माना जाए तो आदिपुरुष फिल्म को राज्य की भूपेश बघेल सरकार बैन नहीं कर सकती. यानी साफ है कि राज्य सरकार के पास बैन करने का अधिकार नहीं है.


क्या केंद्र सरकार फिल्म को बैन कर सकती है?
अब सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से  आदिपुरुष बैन करने का अनुरोध किया तो इसका जवाब भी जान लीजिए कि क्या केंद्र किसी फिल्म को बैन कर सकता है? बता दें कि केंद्र सरकार चाहे तो सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952(5E) के तहत सेंसर बोर्ड से जारी सर्टिफिकेट जारी करने के बाद किसी भी फिल्म को बैन कर सकती है. जरूरत पढने पर सीबीएफसी (Central Board of Film Certification) के जारी हुए सर्टिफिकेट को रद्द भी कर सकती है. जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने 2022 में सिनेमेटोग्राफी एक्ट में बदलाव के लिए बिल भी पेश किया था. इसमें प्रावधान था कि अगर दर्शकों को फिल्म से आपत्ति है तो केंद्र उसके प्रदर्शन पर रोक लगा सकती है. हालांकि ये विधेयक अभी पारित नहीं हुआ है.