Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में जनता को CM हेल्पलाइन होने के बावजूद अपनी परेशानियों के निपटारे के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. हेल्पलाइन में शिकायत करने पर जनता की परेशानियों का हल का नहीं हो रहा है, जिस कारण लोग निराश हैं. ये खुलासा किसी के बयान में नहीं बल्कि सामने आए आंकड़ों से जाहिर हुई है. इसका खुलासा तब हुआ जब रायसेन जिले में एक शख्स को CM हेल्पलाइन में की गई शिकायत को बंद करने के लिए दबाव बनाया जाने लगा. 


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शिकायतकर्ता पर बनाया जा रहा है दबाव: रायसेन जिले के देवरी तहसील से मामला सामने आया है. यहां किसान राजेंद्र सिंह रघुवंशी ने CM हेल्पलाइन में खसरे में नाम दर्ज नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई थी. अब तहसीलदार दिनेश बरगले पर फोन कर किसान को धमकी देने का आरोप लगा है. किसान राजेंद्र सिंह रघुवंशी ने आरोप लगाए हैं कि अधिकारी शिकायत बंद करने के लिए दबाव बनाकर OTP की मांग कर रहे हैं. 



विपक्ष ने बोला हमला
प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन निराकरण के मामले में ज्यादातर जिलों के फिसड्डी साबित होने पर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन हेल्पलेस हो चुकी है. लोग परेशान हैं. उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है. सीएम हेल्पलाइन में जो समस्याएं लिखी जाती हैं उसका निराकरण नहीं किया जा रहा है, जो कि ताजा रिपोर्ट में देखने को मिला है. लगातार 18 सालों से भ्रष्टाचार वाली सरकार कुछ भी करने लायक नहीं है और जारी ग्रेडिंग रिपोर्ट बता रही है कि शिवराज सरकार पूरी तरह से सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में हेल्पलेस हो चुकी है.


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BJP ने किया पलटवार
वहीं सीएम हेल्पलाइन को लेकर बीजेपी ने सफाई देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपनी जिम्मेदारियों के लिए प्रसिद्ध है. हम हर चीज का जनता के सामने जवाब रखते हैं. जनता उसके बारे में जानकारी रखती है. सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों की एक रिपोर्ट प्रतिमाह प्रकाशित की जाती है.कई जिले ए ग्रेड की श्रेणी में हैं, जो तत्काल निराकरण करने में सक्षम हैं. कई शिकायतों को हल करने में तय वक्त से अधिक समय लगता है . यही कारण है कि कुछ जिले बी ग्रेड में हैं बीजेपी की सरकार में प्रत्येक समस्याओं का निराकरण किया जाता है . प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद समस्याओं की समीक्षा करते हैं.


इनपुट- भोपाल से अजय दुबे, ZEE मीडिया