जब CM Mohan Yadav फंसे थे उलझन में `होटल या राजनीति` तब दोस्तों ने दिया था साथ, मुख्यमंत्री ने सुनाया मजेदार किस्सा
MP News: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने मित्रों से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया है, जो उनके राजनीति में आने के वक्त का है. सीएम ने यह बात भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही है.
Bhopal News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा-2019 और 2020 में चयनित 559 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए. इस दौरान सीएम ने चयनित अधिकारियों से संवाद किया. संवाद के दौरान सीएम मोहन यादव ने अपने जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा भी सुनाया, जो उनकी युवा अवस्था से जुड़ा था. सीएम ने बताया कि कैसे उन्होंने राजनीति में बड़ी मुश्किल से यह मुकाम हासिल किया है.
'होटल चलाओ या राजनीति करो'
दरअसल, चयनित अधिकारी सीएम मोहन यादव से संवाद कर रहे थे, इसी दौरान अंकित चौबे नाम के अधिकारी ने सीएम से सवाल किया 'सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के दौरान दोस्तों का सहयोग होता है, क्या आपकी राजनीतिक यात्रा में आप किसी दोस्त से प्रेरणा लेते हैं.' अंकित के इस सवाल पर सीएम मोहन यादव ने जवाब देते हुए हुए पूरा किस्सा सुनाया.
मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि 'मैंने अपना काम उज्जैन में एक छोटी सी होटल से शुरू किया था. होटल चलाते-चलाते राजनीति में आ गया और कॉलेज सेक्रेटरी बन गया. यहां से वह मित्रों के सहयोग से लगातार आगे बढ़ते गए. इसलिए हमारे पास जो लोग जुड़े हैं उनकी अच्छी और बुरी बातों का हमेशा आकलन कहना चाहिए और उन्हें अपने साथ रखना चाहिए. जब मैं इस उलझन में था कि होटल चलाओ या राजनीति करो उस दौरान मेरे मित्रों ने मेरा साथ दिया था. यही वजह है कि मेरे जीवन के शुरुआती दौर से जो मित्र बने थे वह आज तक साथ हैं. इसलिए जो रिश्ते बनाओ उन्हें निभाने की भी ताकत रखों. इसी से आपको सफलता मिल जाएगी.' इस दौरान माहौल हंसी मजाक वाला रहा.
उज्जैन में सीएम मोहन की होटल
बता दें कि मुख्यमंत्री मोहन यादव उज्जैन से हैं, जहां उनकी एक होटल है, सीएम ने होटल के साथ-साथ राजनीति की शुरुआत की थी, जिसके बाद वह धीरे-धीरे राजनीति में आगे बढ़ते चले गए. मुख्यमंत्री राजनीति में पूरी तरह से सक्रिए होने के बाद भी अक्सर अपनी दुकान पर जाते रहते हैं.
नए अधिकारियों को दी सीख
इस दौारन सीएम मोहन यादव ने पीएससी में चयनित अधिकारियों को सीख भी दी. उन्होंने कहा कि 'किसी भी अहंकार नहीं पालना चाहिए, मैं अभी-अभी कठोर निर्णय लेकर आया हूं. एक अधिकारी महिला से जूते के लेस बंधवा रहे थे, मुझे यह भी मालूम है कि महिला के जूते के लेस बांधने का भाव खराब नहीं था, क्योंकि SDM के पैर में चोट थी. लेकिन सार्वजनिक तौर पर यह संदेश पूरे समाज में सही नहीं गया. अगर आप बीमार है तो आप छुट्टी पर जाएं आपको किसने रोका है. लेकिन महिला से लेस बंधवाए यह सही नहीं है. क्योंकि हम हर कार्यक्रम के दौरान महिला की पूजा करते हैं और आप लेस बंधवा रहे हैं यह सही नहीं है.'
बता दें कि सिंगरौली जिले के चितरंगी में पदस्थ एसडीएम का एक महिला से जूते के लेस बंधवाने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिसके बाद सीएम मोहन यादव ने उन्हें निलंबित करने के आदेश दिए थे.
इस दौरान सीएम मोहन यादव ने चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 'वर्षों की मेहनत आशाओं आकांक्षाओं के बाद आज आप सभी यहां पहुंचे हैं, आज आपको जो नियुक्ति पत्र मिल रहा है वो केवल नियुक्ति पत्र नहीं बल्कि आकांक्षाओं का पत्र है. आपको अब बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन उन चुनौतियों के आगे माथा नहीं टेकना है, बल्कि समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करना है.'
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