भोपाल: मध्य प्रदेश के खास पर्यटन स्थलों में से एक और नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक और आसपास के क्षेत्र का अतिक्रमण से बचाने के लिए शिवराज सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. पर्यावरण दिवस के मौके के मौके पर भोपाल में एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने इसका ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण दिवस के मौके पर अमरकंटक को लेकर आज मैं एक कठोर फैसला कर रहा हूं.


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अमरकंटक बनेगा रिजर्व फॉरेस्ट
सीएम ने कहा कि अमरकंटक को हम रिजर्व फॉरेस्ट घोषित करेंगे. केवल जो अमरकंटक का आबादी वाला क्षेत्र है, उस क्षेत्र को हम छोड़ेंगे. जो लोग वहां रह रहे हैं वो वहां रहेंगे. उनको दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन पता नहीं भाइयों कहां-कहां से आकर पेड़ काटते जाओ, इमारतें बनाते जाओ. सीमेंट कंक्रीट के जंगलों में अमरकंटक हो जाएगा तो नर्मदा जी कहां बचेंगी.


पहले निर्माणों पर लगाया गया था प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अमरकंटक और नर्मदा को बचाना है तो हमको कुछ तो कठोर कदम उठाने पड़ेंगे. बता दें इससे पहले अप्रैल में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरकंटक में किसी भी तरह के नए निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया था. उस समय भी उन्होंने कहा था कि नर्मदा रहेंगी, तो हम रहेंगे. नर्मदा के बिना हम अपने अस्तित्व की कल्पना नहीं कर सकते. आगे भी जरूरत पड़ने पर हम अमरकंटक को लेकर कई फैसले लेंगे.


क्या होते हैं रिजर्व फॉरेस्ट
रिजर्व फॉरेस्ट भारतीय वन अधिनियम या राज्य वन अधिनियम के प्रावधानों के तहत अधिसूचित भूमि है. रिजर्व फॉरेस्ट में सभी गतिविधियों की अनुमति है. जब तक कि इसको लेकर कोई स्पष्ट निर्देश जारी न हों. रिजर्व फॉरेस्ट वन भूमि है जिस पर सरकार के पास संपत्ति के अधिकार हैं. रिजर्व फॉरेस्ट को अक्सर वन्यजीव अभयारण्यों में अपग्रेड किया जाता है, जिन्हें बाद में राष्ट्रीय उद्यानों की स्थिति में अपग्रेड किया जा सकता है. प्रत्येक श्रेणी को उच्च स्तर की सुरक्षा और सरकारी धन प्राप्त होता है.


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