मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बिजली संकट पर राजनीति तेज होती जा रही है. मामले पर विपक्ष सरकार को पूरी तरह घेरे बैठी है. पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं. उन्होंने इसको लेकर कई सवाल किए और कहा कि 'शिवराज जी, मुझे उम्मीद थी कि कोयला संकट ,बिजली संकट पर आप मेरे पूछे सवालों के जवाब ज़रूर देंगे, लेकिन आज भी आपने उनका जवाब तो नही दिया उल्टा आपने झूठ परोसते हुए कहा कि प्रदेश में कोयले का, बिजली का कोई संकट नहीं है'


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'जनता परेशान होती है तो उनको आनंद आता है'
बिजली संकट पर पूछे जा रहे सवालों पर प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh) ने जनता को भरोसा दिलाया कि कहीं भी बिजली संकट नहीं है और ना ही किसी तरह का संकट आने देंगे. मामले पर उन्होंने कमलनाथ पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कोई घटना हो जाए तो कमलनाथ को मजा आता है, उन्हें राजनीति करने का मौका मिल जाता है. जब कोई संकट आता है, बाढ़ आती है या कहीं पानी के कारण कोयले की खदान पूरी क्षमता से काम नहीं करती तो उनको मजा आता है. जनता के संकट से उन्हें कोई लेना देना नहीं है. जब जनता परेशान होती है तब उनको आनंद आता है. कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे, जिसपर पलटवार करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि वह कुछ नहीं करते सिर्फ ट्वीट करते हैं. जनता इस राजनीति को समझती है. वो नजर बनाए रहते हैं कि कहीं कोई गड़बड़ दिख जाए. वो ट्वीट करते हैं और समस्या का समाधान और उपाय हम खोजते हैं.


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मध्यप्रदेश में भी बिजली संकट के आसार
देश के कई राज्यों की तरह MP में भी बिजली संकट के आसार बताए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि जल्द हालात न सुधरे तो पूरे प्रदेश में गंभीर विद्युत कटौती हो सकती है. मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में कोयले से करीब 5400 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है. लेकिन कोयले की कमी के चलते  उत्पादान बेहद कम हो रहा है. राज्य में 10 हजार मेगावॉट बिजली की जरूरत है, लेकिन कोयले की कमी के कारण सिर्फ 3900 मेगावॉट बिजली का उत्पादन ही हो रहा है. 


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