यूं ही उज्जैन की भर्तृहरि गुफा नहीं जा रहे CM योगी आदित्यनाथ, गुरू गोरखनाथ से जुड़ा है सीधा कनेक्शन
CM Yogi In Ujjain: उज्जैन की प्रसिद्ध भर्तृहरि गुफा से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा कनेक्शन है। जिससे वह यहां दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
CM Yogi In Ujjain: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबा महाकाल के दर्शन करके उज्जैन की प्रसिद्ध भर्तृहरि गुफा के दर्शन के लिए निकल गए हैं. जहां से पूजा अर्चना कर वह इंदौर रवाना हो जाएंगे. खास बात यह है कि सीएम योगी का भर्तृहरि गुफा से बड़ा कनेक्शन है, जिसके चलते वह विशेष रूप से जा रहे हैं. सीएम योगी का भर्तृहरि गुफा से यही कनेक्शन हम आपको बताने जा रहे हैं.
भर्तृहरि गुफा में रुके थे गुरू गोरखनाथ
दरअसल, गोरक्ष पीठ संस्थापक गुरू गोरखनाथ जब उज्जैन आए थे तो उन्होंने भर्तृहरि गुफा में ही लंबे समय तक तपस्या की थी. इस दौरान उज्जैन के राजा भर्तृहरि ने उनकी खूब सेवा की थी. इसलिए नाथ संप्रदाय के अनुयायियों की इस गुफा में गहरी आस्था है. योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के अलावा अखिल भारतीय भेष बारह पंथ नाथ संप्रदाय के अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में वह बाबा महाकाल के दर्शन के बाद भर्तृहरि गुफा में दर्शन के लिए पहुंचे, जहां गुरू गोरखनाथ, राजा भर्तृहरि और उज्जैन के गोपीचंद महाराज की तपस्या स्थली बनी हुई है। यही पर सीएम योगी विशेष पूजा अर्चना करेंगे.
गुरू गोरखनाथ ने भर्तृहरि को दिया था फल
गुरू गोरखनाथ जब उज्जैन पहुंचे तो राजा भर्तृहरि ने अपने दरबार में उनका खूब सत्कार किया था. जिससे प्रसन्न होकर गुरू गोरखनाथ ने राजा को ऐसा फल दिया था जो उन्हें हमेशा जवान बनाए रखता. लेकिन राजा भर्तृहरि अपनी रानी पिंगला से प्यार करते थे, ऐसे में उन्होंने यह फल रानी को दे दिया. लेकिन रानी एक कोतवाल को चाहती थी ऐसे में रानी ने फल कोतवाल को दे दिया. लेकिन कोतवाल एक वैश्या को चाहता तो उसने यह फल उसे दे दिया. इस तरह से यह फल चार लोगों तक पहुंच गया.
ये भी पढ़ेंः शिवराज और कमलनाथ के बीच नहीं है इस बार का चुनाव, जानिए रामभद्राचार्य ने क्यों उठाई यह बड़ी बात
राजा भर्तृहरि ने अपनाया तपस्या का रास्ता
फल पाने के बाद वैश्या का मन बदल गया, क्योंकि उसे लगा कि अगर वह हमेशा जवान रहेगी तो उसे वैश्यावृति से छुटकारा नहीं मिल पाएगा. ऐसे में उसने यह फल राजा को वापस पहुंचाने का मन बना लिया, ताकि राजा लंबे समय तक जवान रहकर प्रजा की सेवा करते रहे. लेकिन जब यह फल राजा के पास दोबारा पहुंचा तो वह उसे पहचान गए और उन्हें पूरी कहानी पता चली. रानी पिंगला की बेवफाई से राजा का दिल टूट गया और उन्होंने तुरंत राजा का पद छोड़कर तपस्या का रास्ता अपना लिया. राजा भर्तृहरि ने अपनी जगह छोटे भाई विक्रमादित्य को उज्जैन का राजा बना दिया था. जो बाद में महान शासक बने. इसके बाद का समय उन्होंने इसी गुफा में बिताया था. जिससे गुफा का नाम भर्तृहरि गुफा पड़ गया.
एमपी में डिमांड में हैं सीएम योगी
योगी आदित्यनाथ की यह यात्रा धार्मिक के साथ-साथ सियासी भी मानी जा रही है. क्योंकि सीएम योगी उज्जैन के अलावा इंदौर भी जाएंगे। दरअसल, एमपी विधानसभा चुनाव में सीएम योगी की डिमांड अभी से दिख रही है. चुनाव में उनकी सबसे ज्यादा संभाएं होने की उम्मीद भी है.
ये भी पढ़ेंः MP Election 2023: कांग्रेस की पहली लिस्ट में इतने उम्मीदवार फाइनल!, BJP की दूसरी सूची पर बड़ा अपडेट