यहां एक हफ्ते तक बंद रहेंगे कॉलेज, छात्रों को दिया प्यार करने के लिए ब्रेक, जानिए
भारत में आमतौर पर प्यार चुपके से ही किया जाता है. स्टूडेंट लाइफ में भी गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड अपने रिश्ते को सभी से छिपा कर रखते हैं ताकि ज्यादा चर्चा न हो. प्यार को लेकर कई विवाद भी सामने आते रहते हैं.
China Break For Love: भारत में आमतौर पर प्यार चुपके से ही किया जाता है. स्टूडेंट लाइफ में भी गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड अपने रिश्ते को सभी से छिपा कर रखते हैं ताकि ज्यादा चर्चा न हो. प्यार को लेकर कई विवाद भी सामने आते रहते हैं. वहीं दूसरी ओर दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में बच्चों की जन्मदर बेहद ज्यादा गिर गई है, वहां की सरकार अब लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए चीनी सरकार नए नए फैसले भी ले रही है. इसी कड़ी में चीन के कॉलेजों में कुछ हटकर पहल शुरू कर दी हैं. जिसका नाम स्प्रिंग ब्रेक (Spring Break in China) नाम दिया गया है.
दरअसल एनबीसी न्यूज के मुताबिक फैन मेई एजुकेशन ग्रुप द्वारा चलाए जा रहे 9 कॉलेजों में से एक फ्लाइंग वोकेशनल कॉलेज ने पहली बार 21 मार्च को स्प्रिंग ब्रेक की घोषणा की थी. जिसमें छात्रों से खासतौर पर कहा गया है कि वे अपने प्यार की तलाश को पूरा करें. इसी को मानते हुए बाकी के कॉलजों में भी 1 अप्रैल से 7 अप्रैल के बीच छुट्टी का ऐलान कर दिया है. जिसमें छात्रों को प्रकृति से प्यार करना, जीवन से प्यार और स्प्रिंग ब्रेक का आनंद लेने के लिए कहा है.
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इन छुट्टियों में होमवर्क भी
हालांकि जरूरी नहीं कि छात्रों को इस दौरान सभी प्यार ही करना है. इस दौरान छात्रों को होमवर्क भी दिया जाएगा. इस दौरान उन्हें डायरी में अपना अनुभव और काम शेयर करना होगा. इसमें व्यक्ति विकास और यात्रा का वीडियो भी बनाना होगा.
जन्मदर को बढ़ाया देने का तरीका
वहीं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की माने तो चीनी कॉलेजों का ये प्रयास चीनी सरकार के निर्देश पर जन्मदर को बढ़ावा देने के तरीके से प्रेरित हैं. बीच में खबर ये भी थी कि चीन में जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए 20 से अधिक सिफारिशें लेकर आई हैं, और ऐसे में कॉलेज ने स्प्रिंग ब्रेक देना शुरू कर दिया है.
तेजी से गिर रही चीन की जनसंख्या
गौरतलब है कि चीन में जनसंख्या काफी तेजी से गिर रही है. जिसकी वजह 1980 में लाई गई एक बच्चा नीति है. हालांकि 2021 में इसे वापस ले लिया गया था और अब तीन बच्चों की अनुमति दे दी गई है. अब जन्मदर को बढ़ाना चीनी सरकार के लिए बड़ा विषय है.