MP Election Result: आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा सीट से जीते कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक भैरो सिंह परिहार बापू ने जीतने के बावजूद EVM पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में EVM हैक हुई है और सुसनेर में भी 25% हैक हुई है. साथ ही कहा, मैं चैलेंज देता हूं कि प्रशासन या सीएम मुझे एक मशीन दें और में हैकर को बुलाकर दूसरे कमरे में बैठकर बता दूंगा कि कितने वोट मशीन में डाले गए हैं.


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इधर, सुसनेर के बीजेपी प्रत्याशी रहे राणा विक्रम सिंह ने समर्थकों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में पार्टी के ही नेताओं पर चुनाव हराने के जमकर आरोप लगाए गए. इस दौरान राणा समर्थकों द्वारा पार्टी के गद्दारों को बाहर निकालने के जमकर नारे लगाए गए. बैठक में मौजूद समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया.


विक्रम सिंह ने लगाया बड़ा आरोप
राणा विक्रम सिंह ने पार्टी नेताओं पर ही जमकर निशाना साधा. राणा ने आगर बीजेपी जिला अध्यक्ष, सोयत व नलखेड़ा के मंडल अध्यक्ष सहित क्षेत्र के पार्टी के बड़े जनप्रतिनिधियों पर पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगाया. राणा ने कहा कि इन नेताओं को हटाना पड़ेगा. यहां बोलने से कुछ होगा नहीं. भोपाल जाकर छाती पर मूंग दलना पड़ेगी.


राणा ने दिया विवादित बयान
राणा ने आगे कहा, "मेरा चार चुनावों का अनुभव है. जिन्होंने पार्टी  को हराने के काम किया है, वो सर्वोच्च पदों पर बैठे हैं. अब ऐसा नहीं चलेगा. जिन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी की है वे अब मंच पर नहीं दिखेंगे. अगर वे मंच पर दिखे तो हम हाथ पकड़कर उतार देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बैठक में जो नहीं आए उन्होंने पार्टी का काम नहीं किया. राणा ने इस दौरान विवादित बयान भी दिया कि हार का कारण यह भी लगता है कि कर्मचारियों के वोट नहीं मिले, विशेषकर शिक्षा विभाग के. उन्होंने अपना बुढ़ापा सुधारने के लिए किया अब सरकार तो भाजपा की है, अब जवानी बिगाड़ जाएगी.


सुसनेर में चल रही गुटबाजी
विधानसभा चुनाव में सुसनेर सीट हारने के बाद अब भाजपा में गुटबाजी जमकर नजर आ रही है. इस बार भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बीते 2018 के चुनाव में कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय जीते विधायक राणा विक्रम सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था. राणा विक्रम सिंह ने निर्दलीय जीतने के बाद कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था और बाद में बीजेपी की सरकार बनने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. उनके पार्टी में शामिल होने के बाद से ही गुटबाजी बढ़ने लगी थी.


रिपोर्ट: कनीराम यादव, आगर मालवा