प्रियांशु यादव/ग्वालियर: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (EX Chief Minister Digvijay Singh) के बेटे और विधायक जयवर्धन सिंह को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. एक मामले को लेकर पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह (Jaivardhan Singh) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हाईकोर्ट ने मारपीट और डराने-धमकाने के मामले में जयवर्धन सिंह को पक्षकार बनाया है. बता दें कि राघौगढ़ में पानीपत निवासी विश्वम्भर लाल (Panipat resident Vishwambhar Lal) के साथ मारपीट का मामला है.


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क्या है पूरा मामला?
दरअसल पूरा मामला 2015-16 का है. जब हरियाणा के रहने वाले विशंभर लाल अरोड़ा को एनएफएल में लेबर का ठेका मिला था. जिसके बाद कुछ मजदूरों को काम से निकाल दिया गया था. मामले में आरोप है कि जिसके बाद जयवर्धन सिंह ने विशंभर लाल अरोड़ा को उन लोगों के जरिए अगवा करवा लिया था. फिर विशंभर लाल अरोड़ा को राघौगढ़ के किले में बुलाया गया. जहां विधायक जयवर्धन सिंह ने विशंभर लाल अरोड़ा की पिटाई कर दी थी.


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विजयपुर थाने में की थी शिकायत
कथित तौर पर पिटाई होने के बाद विशंभर लाल अरोड़ा ने विजयपुर थाने में शिकायत की थी. जिसमें उन्होंने जयवर्धन सिंह के नाम का भी जिक्र किया था. हालांकि, आरोप है कि पुलिस ने जयवर्धन के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया था. जिसके बाद विशंभर लाल अरोड़ा द्वारा मामले को लेकर अधीनस्थ न्यायालय में आवेदन भी दिया गया था, जिसे अधीनस्थ न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था. 


21 अप्रैल को होगी सुनवाई
बता दें कि अधीनस्थ न्यायालय में जयवर्धन सिंह को मामले में पक्षकार नहीं बनाए के बाद ठेकेदार ग्वालियर हाईकोर्ट पहुंचा था और उसने जयवर्धन सिंह को मामले में पक्षकार बनाए जाने को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अब ग्वालियर हाईकोर्ट ने इस मामले में जयवर्धन को पक्षकार बनाया है. जिसकी सुनवाई  21 अप्रैल को की जाएगी. मामले में ठेकेदार विशंभर लाल अरोड़ा के वकील आरके पाठक का कहना है कि सभी आरोपियों के खिलाफ मारपीट व अपहरण का मामला दर्ज किया जाए, यह उनकी हाईकोर्ट से मांग होगी.