प्रिया पांडे/भोपाल: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर आज भोपाल पहुंचे, जहां उन्होंने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर चुनाव में अपने लिए समर्थन जुटाया. यहां उन्होंने पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह से मुलाकात की. हालांकि थरूर ने यहां पर अपना दर्द भी बयां किया.  इस पर कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने थरूर पर तंज कसते हुए कहा कि थरूर ने 10 जनपथ पर नाक नहीं रगड़ी इसलिए उनके साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है.


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बता दें कि एक ओर कांग्रेस बड़े दावों के साथ कह रही है कि कांग्रेस एकलौती ऐसी पार्टी है, जहां पर निपक्ष चुनाव होते हैं. लोकत्रांत्रिक तरीके से चुनाव हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदार शशि थरूर ने खड़गे जितना समर्थन नहीं मिलने पर अपना दर्द बयां किया है.



शशि थरूर ने जताई नाराजगी
मध्यप्रदेश आएं शशि थरूर ने बड़े नेताओं पर पक्षपात का आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर जिस तरह के स्वागत नेतृत्व की तरफ से खड़गे जी को मिला मुझे नहीं मिला. किसी को किसी के निर्देश सुनने की जरूरत नहीं. सबको अपने अंतर्मन की सुनने की जरूरत है. अशोक गहलोत के खड़गे के समर्थन में प्रचार करने पर कहा- ये तो चुनाव अधिकारी को देखना चाहिये. कांग्रेस का हर डेलीगेट्स अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन कर वोट डाले.


शशि थरूर में किसी को रूचि नहीं!
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मप्र में भी प्रचार का दौर जारी है. दो दिन पहले मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के कार्यलय आए उस दौरान कार्यकर्ताओं समेत बड़े नेता और विधायकों का हुजूम कार्यालय में देखने को मिला. कई विधायक खुद आकर मैनजमेंट की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. ताकि कहीं कोई चूक न हो जाए लेकिन आज शशि थरूर के दौरे के दौरान तस्वीरें बिलकुल उलट थी. कॉरिडोर समेत कार्यालय में नाम मात्र के कार्यकर्त्ता पहुंचे. डेलिगेशन से चर्चा के दौरान भी हॉल में पड़ी आधी से ज्यादा कुर्सियां खली नज़र आई.


मध्य प्रदेश से खुश होकर गए शशि थरूर, कमलनाथ से भी हुई थी मुलाकात


कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कसा कंज 
वहीं कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने थरूर पर तंज कसते हुए कहा कि 10 जनपथ पर नाक नहीं रगड़ी इसलिए उनके साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है. थरूर अगर राहुल गांधी और सोनिया गांधी की चमचागिरी करते तो उन्हें इज़्ज़त मिलती. खड़गे यह पहले ही कह चुके हैं कि अध्यक्ष बलि का बकरा बनेगा. बकरी को जब बलि दी जाती है तो उससे पहले उसे सजाया जाता है. इसी तरह खड़गे के गले में माला डाली जा रही है. सजाया जा रहा है. थरूर को समझना चाहिए कि ये सब गांधी परिवार की फिक्सिंग है. उनके जैसा इंटेलीजेंट आदमी ये सब में नहीं पड़ता तो सही रहता. गांधी परिवार को रिमोट से चलने वाला एक अध्यक्ष चाहिए.