Rajya Sabha Elections: कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह का निर्विरोध चुना तय, चर्चा में नामांकन से दो दिग्गजों की दूरी
MP News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक सिंह का राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना जाना तय है, अशोक सिंह ने कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ अपना नामांकन दाखिल कर दिया, लेकिन इस दौरान एक बात की चर्चा सबसे ज्यादा हुई है.
Congress Candidate Ashok Singh: मध्य प्रदेश से राज्यसभा के सभी प्रत्याशियों ने अपना-अपना नामांकन जमा कर दिया है. खास बात यह है कि एमपी से राज्यसभा की पांच सीटें खाली हुई थी, दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने विधायकों की संख्या बल के हिसाब से ही प्रत्याशी उतारे हैं, ऐसे में लगभग सभी प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है. कांग्रेस की तरफ से अशोक सिंह ने रिटर्निंग ऑफिसर को नामांकन जमा किया, लेकिन उनका नामांकन सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि नामांकन के दौरान कांग्रेस के दो दिग्गज नेता नजर नहीं आए, जिसकी चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है.
नामांकन में नहीं पहुंचे दिग्विजय सिंह और कमलनाथ
दरअसल, अशोक सिंह का नामांकन जमा करवाने के लिए पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे समेत अजय सिंह, अरुण यादव, रामनिवास रावत, राजेंद्र सिंह, कांतिलाल भूरिया समेत पार्टी के सभी दिग्गज नेता पहुंचे थे. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के उनके नामांकन में नहीं पहुंचे, जबकि कमलनाथ अशोक सिंह के प्रस्तावक भी थे, ऐसे में दोनों दिग्गज नेताओं का नामांकन में नहीं पहुंचना चर्चा में बना हुआ है.
जीतू पटवारी ने दी सफाई
हालांकि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के नहीं पहुंचने पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा 'कोई शंका नहीं है, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अशोक सिंह को ट्वीट करके पहले ही बधाई दी है. सभी नेता साथ हैं, आज भी अशोक सिंह के नामांकन में सभी नेता साथ रहे हैं.' बता दें कि मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि कमलनाथ भी राज्यसभा जा सकते हैं. लेकिन कांग्रेस ने अशोक सिंह का नाम सामने लाकर सभी को चौंका दिया, जबकि अशोक सिंह दिग्विजय सिंहके करीबी माने जाते हैं, ऐसे में दोनों नेताओं का नामांकन से दूरी बनाना चर्चा में आ गया.
अशोक सिंह का निर्विरोध चुना जाना तय
वहीं नामांकन जमा करने के बाद अशोक सिंह ने सभी का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा 'केंद्रीय नेतृत्व सोनिया गांधी राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का आभार जिन्होंने इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए उन्हें चुना. मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता पर पार्टी ने विश्वास जताया है, ऐसे में मेरी पूरी कोशिश की उनकी उम्मीदों पर खरा उतरू. बता दें कि कांग्रेस को एक सीट मिलनी तय है. बीजेपी ने भी केवल चार ही उम्मीदवार उतारे हैं, ऐसे में अशोक सिंह का निर्विरोध चुना जाना तय है.
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