6 बच्चों की मौत से दहला दमोह, पानी में डूबने से एक ही दिन में मिले छह शव
Six death in damoh: दमोह में हृदय विदारक घटनाओं में 6 बच्चों की मौत से पूरे शहर में शोक की लहर फैल गई है. तीन घटनाओं में 6 बच्चों की मौत हुई और ये सभी मौतें पानी में डूबने से हुईं. जिला मुख्यालय पर नाराज लोगों ने रात भर हंगामा किया.
महेंद्र दुबे/दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह में एक ही दिन में घटी घटनाओं में 6 बच्चों की मौतों के बाद मातम पसरा हुआ है. ये घटनाएं पानी मे डूबने की वजह से सामने आई है. इनमें से दो मौतों परिजन हत्या बता रहे हैं और इस मामले में दमोह शहर में रात भर हंगामा चलता रहा.
तालाब में डूबने से 3 बच्चों की मौत
पहला मामला दमोह जिले के तेंदूखेड़ा से सामने आया है जहां के नरगवां तालाब में बुधवार की शाम चार बच्चे नहाने गए थे जिनमें से तीन तालाब में अंदर गए और चौथा बच्चा तालाब के बाहर था. तीन दोस्तों को डूबता देखा चौथा बच्चा बस्ती में आया और खबर की तो इलाके के लोग तालाब पर पहुंचे. पुलिस को मिली सूचना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ और देर रात तीन शव तालाब से बरामद किए गए. तालाब में डूबने वाले बच्चे 11, 13, और 15 साल के थे जिनके शव तेंदूखेड़ा के अस्पताल की मॉर्चुरी में रखे गए हैं.
खदान में भरे पानी में डूबने से एक मासूम की मौत
इसी बीच दूसरा मामला जिले के जबेरा इलाके से सामने आया जहां एक खदान में बने गढ्ढे में एक मासूम डूब गया. यहां के भाट खमरिया क्षेत्र में एक मुरम खदान में बने गड्ढे में एक 15 साल का बच्चा डूब गया. ये बच्चा भी शाम के वक़्त नहाने गया था और गहराई में जाने की वजह से खुद को संभाल नहीं पाया और हादसे का शिकार हो गया. सत्यम प्रजापति नाम के इस बच्चे का शव जबेरा में रखा गया है.
दो मासूम रात भर से गायब थे, तालाब में मिला शव
इन दो वारदातों की खबरों से जिले भर में शोक की लहर थी कि जिला मुख्यालय दमोह में भी एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई. यहां दो मासूम दिन भर से घर से गायब थे. दोनों स्कूल के लिए सुबह घर से निकले थे लेकिन देर शाम तक घर नही पहुंचे तो घर वालों ने तलाश शुरू की. पुलिस को सूचना दी गई तो पुलिस ने भी तलाश शुरू की. देर शाम जबलपुर नाका क्षेत्र की किशन तलैया में बच्चों के डूबने की खबर मिली तो रात के अंधेरे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. दोनों के शव बरामद कर लिए गए लेकिन बच्चो के शरीर पर कुछ जख्म देखकर परिजन इसे हादसा मानने तैयार नहीं हैं. इस बात को लेकर बुधवार की रात भर हंगामा हुआ.
पीड़ित परिवारों ने शव को चौराहे पर रखकर किया प्रदर्शन
पीड़ित परिवार के साथ बड़ी संख्या में लोग अंबेडकर चौक पर दोनों के शवों को रखकर प्रदर्शन करते रहे. पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने समय पर कार्यवाही नहीं की जिस वजह से बच्चों को समय पर रेस्क्यू नहीं किया जा सका. वहीं जो हालात दिख रहे हैं उससे ये साधारण हादसा नहीं लग रहा. धरना और सड़क पर रखे शवों के बाद दमोह एसडीएम गगन बिसेन और सीएसपी अभिषेक तिवारी ने मोर्चा संभाला और रात दो बजे धरना खत्म कराकर शव पुलिस कब्जे में लिए गए. जिले में एक दिन में तीन घटनाओं में 6 बच्चो की मौतों ने सबको हिला दिया है.
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