महेंद्र दुबे/दमोह। मध्यप्रदेश में अपराधों पर नकेल कसने और पीड़ितों को जल्दी से जल्दी मदद पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई पुलिस की ''डायल 100'' dial-100 सेवा धक्के के भरोसे है. सूबे के अधिकांश इलाकों से अक्सर इस सेवा की जमीनी हकीकत सामने आती है, अब कुछ ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश Madhya Pradesh के दमोह Damoh जिले से भी सामने आया है. जहां ''डायल 100'' गाड़ियों की हालत बेहद खराब है. आये दिन लोग इन धक्काप्लेट गाड़ियों के वीडियो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं. कुछ ऐसी ही तस्वीरें दमोह जिले के तेंदूखेड़ा tendukheda तहसील से भी आई हैं. 


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चलने लायक नहीं बची ''डायल 100''
दरअसल, तेंदूखेड़ा पुलिस थाने में खड़ी डायल 100 गाड़ी खस्ताहाल पड़ी है, पुलिसकर्मी किसी अपराध की सूचना पर उस जगह जाना चाहते हैं लेकिन जब गाड़ी देखी तो चलने के लायक नहीं थी. अब अधिकारी ने दूसरी गाड़ी निकलवाई तो गाड़ी स्टार्ट ही नहीं हो रही थी. फिर क्या था वर्दीवालों ने सड़क पर गाड़ी को धक्का देना शुरू किया, काफी देर तक गाड़ी को धक्का लगाते रहे लेकिन गाड़ी चालू नहीं हुई. सड़क पर लोग इन पुलिस वालों को धक्का लगाते देखते रहे चेहरों पर मुस्कान आ गई तो कई लोगों ने अपने मोबाइल में फोटो लेने से भी परहेज नहीं किया. 


लेकिन इस मामले ने एक बात क्लीयर कर दी है कि पुलिस की  ''डायल 100'' गाड़ी चलने लायक तक नहीं थी.  बताया जा रहा है कि पूरे दमोह जिले में कमोवेश इन गाड़ियों की हालत यही है और पुलिस वालों को इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. 


ठीक से नहीं किया जा रहा रखरखाव 
दरअसल, मध्य प्रदेश डायल-100 सेवा का संचालन एक एजेंसी के द्वारा किया जाता है, जिसके तहत भोपाल से प्रदेश के थानों में ये गाड़िया भेजी जाती हैं. जिसके ड्राइवर की नियुक्ति भी एजेंसी से ही होती है तो गाड़ियों के रखरखाव का जिम्मा भी उन्हीं का है. लेकिन इनका मेनटेनेंस कितना हो रहा है यह बात दमोह जिले में सब बयान कर रही है. 


ऐसा नही है कि पुलिस के आला अधिकारी इस सब से अनजान है, बल्कि दमोह के एसपी डीआर तेनिवार की माने तो ''डायल-100'' सेवा में पुलिस महकमे का दखल कम है और हालात सुधारने में भी अफसर सक्षम नहीं है, लेकिन वो इतना जरूर कहते हैं कि इन हालातों से सम्बन्धितों को अवगत कराया गया है और जल्दी ही स्थिति सुधरेगी ऐसी उन्हें आशा है. 


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