अमित श्रीवास्तव/इंदौरः इंदौर में एक बेटी अपने ही पिता को सलाखों के पीछे पहुंचाने में जुटी है. दरअसल उसे शक है कि बीते दिनों हार्ट अटैक से हुई उसकी मां की मौत नेचुरल नहीं थी और उसके पिता ने ही उनकी हत्या की थी. यही वजह है कि वह अपने पिता के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी हुई है. बीते 40 दिनों में वह कई ऐसे सबूत जुटा चुकी है. अब लड़की की मेहनत की रंग लाती दिख रही है और पुलिस ने केस को रि-ओपन कर दिया है. 


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इंदौर के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने कहा है कि बिसरा रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा. बता दें कि गौरी सोलंकी नामक महिला इंदौर की मां विहार कालोनी में अपनी दो बेटियों के साथ रहतीं थी. गौरी सोलंकी की बड़ी बेटी निकिता दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी. आरोप है कि गौरी का पति विजय सोलंकी उसे प्रताड़ित करता था, जिसके कारण वह अपने पति से अलग रहती थीं लेकिन वह बेटियों से मिलने के बहाने उनके घर रहने आ जाता था. 


बीती 18 सितंबर को गौरी सोलंकी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. युवती की मां की मौत बीती 18 सितंबर को हुई थी. मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया. हालांकि बेटी निकिता को शक है कि उसके पिता ने ही उसकी मां की हत्या की है. निकिता ने मां के शव का शॉर्ट पोस्टमार्टम कराया. इसकी रिपोर्ट में शरीर में जहर जैसी बात सामने आई. इस पर निकिता का शक गहरा गया और वह पिता के खिलाफ सबूत जुटाने में जुट गई. सबूत जुटाने के लिए निकिता ने अपनी दोनों छोटी बहनों के साथ मिलकर 40 दिन में 700 किलोमीटर की यात्रा की.


बेटियों का कहना है कि तबीयत खराब होने के बाद मां को उल्टियां हुईं थी. हालांकि धुलाई के चलते यह सबूत भी हाथ से निकल गया लेकिन निकिता को घर के बाथरूम में उल्टी के दाग वाला एक कपड़ा मिल गया है, जिसे जांच के लिए पुलिस को सौंपा गया है. 


उल्लेखनीय है कि निकिता की मां ने भी मरने से पहले ही अनहोनी होने की आशंका जता दी थी. इस बारे में उन्होंने राजेद्र नगर थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई थी. फिलहाल केस के फिर से रि-ओपन होने से निकिता को थोड़ी राहत जरूर मिली होगी.