Daughters day: बेट‍ियां क‍िसी भी पर‍िवार के ल‍िए खुशी और सौभाग्‍य की बात होती है. उन्‍हीं की वजह से से घर में खुश‍ियां होती हैं और पर‍िवार को एक रखने में बड़ी भूम‍िका न‍िभाती हैं. मां-बाप की आंखों का तारा होती है बेटी. 


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पहली बार 2012 में मनाया गया था डॉटर्स डे  
इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए दुन‍िया में पहली बार संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने 11 अक्टूबर 2012 को बेट‍ि‍यों के ल‍िए समर्पित क‍िया. समाज में लड़के और लड़क‍ियों के बीच की दूरी को म‍िटाने के ल‍िए पहली बार संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने इस बात को समझा और बेट‍ियों को सम्‍मान देने के ल‍िए एक पहल की. 


दुन‍िया भर के देशों ने की थी पहल 
इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने 11 अक्‍टूबर 2012 को बेटि‍यों को समर्पित क‍िया तो दुन‍िया भर के देशों ने इस पहल का स्‍वागत क‍िया. इस पहल को आगे बढ़ाते हुए कई देशों ने बेट‍ियों को ल‍िए एक द‍िन समर्पित क‍िया. भारत में इसे हर साल स‍ितंबर के आख‍िरी संडे को सेलि‍ब्रेट करते हैं.  इस द‍िन बेट‍ियों के ल‍िए जो सरकारी योजनाएं चल रही हैं, उसका भी प्रचार-प्रसार होता है. 


बेट‍ियाें के साथ कर सकते हैं आप इस द‍िन ऐसा व्‍यवहार 
कोई भी अपनी बेटियों के साथ सम्मान और प्यार का व्यवहार करके और उन्हें समान अवसर प्रदान करके उनके लिए दिन को विशेष बना सकता है. उन्हें आज ही नहीं बल्कि पूरे साल ऐसा करने का संकल्प लेना चाहिए. आप बेट‍ियों के ल‍िए हैंडमैड ग‍िफ्ट दे सकते हैं. उनकी पसंदीदा गतिविधियों से भरे दिन की व्यवस्था कर सकते हैं. बेट‍ियों को आप प्यार से नहला सकते हैं और अपनी बेटी को दुनिया के शीर्ष पर महसूस कराने के लिए और भी बहुत कुछ कर सकते हैं. इस तरह के इशारे न केवल उन्हें प्यार का अहसास कराएंगे बल्कि एक बॉन्डिंग सेशन के रूप में भी काम करेंगे. 


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