कमल सोलंकी / धार: आज दिल्ली का दल मांडू में एक निजी होटल में समीक्षा बैठक कर, कोठीदा भारुडपुरा डैम पहुंचा.दिल्ली के दल में डॉ सूर्य प्रकाश हेड जीएमआर डिवीजन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, सौरभ कुमार उपसंचालक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, दीपक साटकूटे चीफ इंजीनियर एवं अन्य अधिकारी रहे. बता दें कि कलेक्टर डॉ पंकज जैन ,अपर कलेक्टर श्रंगार श्रीवास्तव,एसडीएम भूपेंद्र रावत,नायब तहसीलदार केशिया सोलंकी, जनपद पंचायत सीईओ जीएस दुबे समेत अधिकारियों ने कोठीदा भारुड़पूरा डैम पर पहुंचकर निरीक्षण किया. 


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कारम बांध आपदा प्रबंधन का श्रेष्ठ मॉडल बन गया है
वहीं धार जिले का कारम बांध आपदा प्रबंधन का श्रेष्ठ मॉडल बन गया है.इसे भविष्य के सबक के रूप में देश के सभी आपदा प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया जाएगा.बता दें कि बांध स्थल का दौरा कर,बांध से बायपास चैनल बनाकर पानी निकालने वाले अधिकारी कर्मचारी और ग्रामीणों से मिलकर प्रबंधन की बारीकियां समझेगा.ये दल 13 सितंबर तक मध्य प्रदेश में ही रहेगा.


गौरतलब है कि एक माह पूर्व 11 अगस्त को दोपहर एक बजे धार जिले के करम बांध से मिट्टी रिसाव की सूचना मिलने पर शासन-प्रशासन मौके पर पहुंचा था. जहां शाम छह बजे बांध की पाल की मरम्मत की गई. 12 अगस्त को सुबह 6:00 बजे अचानक एक बार फिर बांध की पाल फिसलने की स्थिति पैदा हो गई और पानी निकल आया, जिसके बाद प्रशासन फिर से पूरी तरह सतर्क हो गया. तब उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव मौके पर पहुंचे और कुछ घंटे बाद जल संसाधन विभाग मंत्री तुलसी सिलावट भी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की बात कही.


वहीं 14 अगस्त की शाम 6:00 बजे अचानक बांध के नाले से पानी निकलने लगा और बाढ़ के हालात बन गए जिससे करम नदी ने अपना भयंकर रूप धारण कर लिया था. वहीं धार जिले के 12 गांव और खरगोन जिले के 6 गांव करीब दो घंटे तक खतरे में रहे. कुछ देर बाद 2 गांवों के कुछ घरों में पानी घुस गया और 7 से 8 गांवों के खेतों में लगी फसल भी प्रभावित हुई. सीएम के निर्देश पर उन्होंने मौका पंचनामा बनाकर मुआवजा देना शुरू किया.