Digvijay Singh Birthday: 76 साल के हुए पूर्व CM दिग्विजय सिंह! बेहद दिलचस्प है दिग्गी राजा नाम मिलने का किस्सा
Digvijay Singh Ke Kisse: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आज 76 साल के हो गए हैं. बता दें कि एक डिनर पार्टी में दिग्विजय को एक अखबार के संपादक ने दिग्गी नाम दिया था, तो आइए जानते हैं इसकी बेहद दिलचस्प कहानी...
Digvijay Singh Birthday 2023: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Madhya Pradesh) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (senior Congress leader Digvijay Singh) अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं.आज उनका जन्मदिन है. बता दें कि 28 फरवरी 1947 को इंदौर में जन्मे दिग्विजय ने आज अपने जीवन के 76 वर्ष पूरे कर लिए हैं. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह को दिग्गी राजा के नाम से भी संबोधित किया जाता है.हालांकि, इस नाम का ही किस्सा बहुत ही खास है. दिग्विजय को दिग्गी का नाम उनके माता-पिता, रिश्तेदार और समर्थकों से नहीं मिला. बल्कि, एक अखबार के संपादक ने दिया था.
ऐसा पड़ा था दिग्गी नाम
मध्यप्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का आज भी दबदबा बना हुआ हैं. ये देश व राज्य की राजनीति में अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. इनका करियर 1980 के दशक में शुरू होता है जो आज तक चल रहा है. इन्होंने प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाई है. बता दें 1984 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पूरे देश से युवा कांग्रेसियों को अपने कोर ग्रुप में जोड़ा था. इस समय दिग्विजय सिंह लोकसभा के सांसद थे और उसी समय दिल्ली में एक डिनर पार्टी चल रही थी. जिसमें कांग्रेस के कई बड़े नेता और पत्रकार शामिल थे. इस डिनर पार्टी में दिग्विजय से एक अखबार के संपादक आर के करंजिया बात कर रहे थे तो वे दिग्विजय के नाम का सही उच्चारण नहीं कर पा रहे थे और इसी के चलते वो दिग्विजय को दिग्गी राजा कहकर संबोधित करने लगे क्योंकि ये नाम छोटा और आसान था.तभी से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम दिग्गी राजा पड़ गया. अब व्यक्तिगत संबोधन से लेकर अखबारों की सुर्खियों तक में दिग्गी राजा नाम आम तौर पर लिखा जाता है.
54 साल का राजनीतिक करियर
अब दिग्विजय सिंह का राजनीतिक करियर 54 साल का हो गया है. मध्य प्रदेश की राघौगढ़ रियासत के राजघराने से आने वाले दिग्विजय सिंह को राजनीति विरासत में मिली थी, उनके पिता बलभद्र सिंह भी विधायक थे. ऐसे में 1969 में महज 22 साल की उम्र में दिग्विजय सिंह राघौगढ़ नगर पालिका का चुनाव जीत गए. जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने करीब 54 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने राघौगढ़ से दिल्ली तक के सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह आज भी प्रदेश और देश की राजनीति में प्रासंगिक बने हुए हैं. वह वर्तमान में पार्टी में महासचिव और राज्यसभा सांसद हैं. बता दें कि दिग्विजय सिंह को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु के तौर पर भी माना जाता है और अभी हाल ही में संपन्न हुई भारत जोड़ यात्रा में भी वह राहुल गांधी के साथ कदम-कदम मिलाकर चले थे.