Digvijay singh को इतने सालों बाद `राजा साहब` कहलाने पर क्यों हो गई आपत्ती, बताया राजशाही का मतलब
Digvijay Singh Angry: एमपी (Madhya Pradesh News) के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) अपने बेबाक बयानों के लिए हमेशा ही चर्चा में रहते हैं. अब उनका एक और बयान इस समय वायरल है. इस बार उन्होंने खुद को `राजा साहब` कहने को लेकर आपत्ति जता दी तो सवाल खड़ा हो रहा है कि इतने सालों से जिसे सुन वो गदगद हो जाते थे अब उससे गुरेज क्यों
Digvijay Singh statement: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के पूर्व सीएम और सासंद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. हर रोज देखा जाता है कि वो भाजपा (BJP)के ऊपर तंज कसते रहते हैं. मगर इस बार उन्होंने खुद को 'राजा साहब' कहने को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने भोपाल (Bhopal)में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मुझे राजा-राजा कहना बंद कर दो और मुझे दिग्विजय सिंह कहो. आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा जानते हैं....
इस बात पर बोले पूर्व सीएम
राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में यूथ कांन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. इस आयोजन में दिग्विजय सिंह बतौर मुख्यअतिथि शामिल हुए थे. मंच संचालक लगातार पूर्व सीएम को राजा साहब के नाम से संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जब दिग्विजय सिंह ने संबोधन शुरू किया तो उन्होंने कहा कि मुझे राजा राजा साहब बोलना बंद करो. मुझे दिग्विजय सिंह कहो.क्योंकि लोकतंत्र राजशाही में नहीं होता, लोकतंत्र जनता के राज में होता है, इसलिए जब बार-बार वक्ता मुझे राजा कह रहे थे, इसे लेकर के मुझे आपत्ति है, मैं राजशाही का प्रतीक नहीं लोकतंत्र का प्रतीक हूं.
पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता ने अपने संबोधन में भाजपा के ऊपर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने विदेशों में जाकर पूर्व सरकार के खिलाफ भाषण दिया तो हमने कभी नहीं कहा कि माफा मांगो. लेकिन जब हमने सदन में अडाणी के प्रकरण को उठाया तो सदन को स्थगित कर दिया गया और कहा गया कि माफी मांगों. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि मोदी को न तो संविधान पर भरोसा है न भारत के लोकतंत्र में. इस समय देश में लोकतंत्र के नाम पर डिक्टेटरशिप चलाई जा रही है.
आदिवासियों का पैसा उड़ा रही भाजपा
पूर्व सीएम ने आगे बोलते हुए कहा अनुसूचित जाति और जनजाति का बजट बड़े-बड़े आयोजनों में खर्च हो रहा है. भाजपा के जितने भी कार्यक्रम होते हैं उन्हें बड़ी बड़ी गाड़ियों में भरकर लाया जाता है. हाल में सतना में बसों में भरकर आदिवासियों को लाया गया था जहां बसों का एक्सीडेंट हो गया और कई लोगों की मौत हो गई थी उनके शवों को भाजपा ने कचरें की गाड़ियों से भेजा था.