नीमच में भ्रष्टाचार की जांच पर विवाद: कलेक्टर ने दी क्लीन चिट, आवेदक ने जताया विरोध
Neemuch News: नीमच में मुकेश प्रजापत द्वारा की गई भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद लगे आरोपों पर कलेक्टर ने जांच के बाद क्लीन चिट दी. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर ट्वीट कर सवाल उठाया है.
MP News in Hindi: नीमच में मुकेश प्रजापत ने निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, जिसने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया था. इसके बाद कलेक्टर हिमांशु चंद्रा द्वारा की गई जांच के बाद क्लीन चिट जारी की गई, जिसमें 22 बिंदुओं पर जांच की गई और 21 बिंदुओं में शिकायत को झूठा पाया. हालांकि, पूर्व सरपंच के खिलाफ अतिक्रमण के मामले में कार्रवाई की गई. अब आवेदक प्रजापत ने जांच रिपोर्ट में विरोधाभास का आरोप लगाया है और दस्तावेज प्राप्त कर आगे की कार्रवाई की योजना बनाई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं.
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नीमच में भ्रष्टाचार की शिकायत
गौरतलब है कि नीमच में बीते दिनों हजारों आवेदनों की पूंछ बनाकर जमीन पर अजगर की तरह रेंगते हुए जनसुनवाई में मुकेश प्रजापत नामक व्यक्ति ने शिकायत की थी. यह मामला देशभर के मीडिया में सुर्खी बना था, लेकिन निर्माण और विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की कलेक्टर द्वारा करवाई गई जांच में क्लीन चिट देने के बाद मामला फिर से गरमा गया है. बता दें कि आवेदक का आरोप है कि पूर्व में हुई जांच के प्रतिवेदन में निर्माण कार्यों में अनियमितता पाई गई थी, अब क्लीन चिट कैसे दी जा सकती है? कांकरिया तलाई पंचायत में करोड़ों के भ्रष्टाचार की शिकायत बरसों से मुकेश प्रजापत द्वारा मुख्यमंत्री से लेकर शासन, प्रशासन और लोकायुक्त को की गई थी. जब किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई तो वह रेंगता हुआ आवेदन देने कलेक्ट्रेट पहुंचा था
कलेक्टर की जांच रिपोर्ट पर मुकेश प्रजापत की आपत्ति
इसके बाद, मीडिया में यह मामला हाइलाइट हुआ तो कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने 3 दिन के भीतर जांच की बात कही थी. तय समय में जांच पूरी कर कलेक्टर ने रिपोर्ट मीडिया के सामने सार्वजनिक की, जिसमें बताया गया कि शिकायत के आधार पर 22 बिंदुओं पर जांच की गई. 21 बिंदुओं में शिकायत झूठी पाई गई, जबकि पूर्व सरपंच द्वारा अतिक्रमण और निर्माण का मामला सही पाया गया और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. वहीं, अब आवेदक मुकेश का कहना है कि पूर्व और वर्तमान की जांच विरोधाभासी है. दस्तावेज प्राप्त कर वे आगे की कार्रवाई करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा कि या तो पूर्व जांच अधिकारी गलत हैं या मौजूदा कलेक्टर.
रिपोर्ट: प्रीतेश शारदा (नीमच)
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