Diwali Puja Vidhi 2022 For Home: आज पूरे देश में दिवाली को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. दिवाली में मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का बहुत महत्व है. आज यानी दिवाली की रात मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते समय प्रसाद के रूप में कई तरह के पकवान चढ़ाए जाते हैं. आज मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा किया जाता है. मान्यता है कि जो लोग इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी को प्रसन्न कर देते हैं उन्हें पूरे वर्ष किसी चीज की कमी नहीं होती है. आइए जानते हैं दिवाली पर किस मंत्र और आरती से करें देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा?


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लक्ष्मी पूजा मंत्र व आरती
आज शाम यानी दिवाली के दिन आप शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने साफ-सूथरे वस्त्र पहन कर बैठ जाएं. इसके बाद मां लक्ष्मी का पूजन- "ऊं ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥, ॐ श्रीं श्रीयै नम:, ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥" मंत्र का जाप करते हुए करें. इसके बाद मां लक्ष्मी की आरती पढ़ेंः- 
 


मां लक्ष्मी की आरती


ऊं जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।। 
तुमको निशदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


उमा,रमा,ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता। 
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


दुर्गा रूप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता। 
मैया सुख संपत्ति दाता। 
जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 
मैया तुम ही शुभदाता। 
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


ऊं  जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता। 


गणेश पूजा विधि
दिवाली के दिन विघ्नहरणकर्ता भगवान गणेश की पूजा आराधना करते हुए- ‘ऊं गं गणपतये इहागच्छ इह सुप्रतिष्ठो भव।’ का जाप करते हुए गणेश जी का पूजन करें. इसके बाद गणेश जी की आरती करें. 
गणेश जी की आरती


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)