भोपाल: भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में बुधवार को पीजी स्टूडेंट डॉ. आकांशा माहेश्वरी ने सुसाइड कर लिया था. इसे लेकर मध्यप्रदेश  (Madhya Pradesh) के चिकित्सा एंव शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) ने बड़ा बयान दिया है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा मैंने अधिकरियों को कहा है कि सिस्टम को रिडिजाइन करने का प्लान बनाएं. सभी जगह इसी तरह की व्यवस्थाएं है लेकिन हम पूरे प्रोसेस को रिडिजाइन करने का प्लान कर रहे हैं.


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गौरतलब है कि आकांक्षा के परिजनों ने सुसाइड के लिए वर्कलोड को जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकरियों को कहा है कि सिस्टम को रिडिजाइन करने का प्लान बनाएं. सभी जगह इसी तरह की व्यवस्थाएं लेकिन हम पूरे प्रोसेस को रिडिजाइन करने का प्लान कर रहे हैं. अब ये सुनिश्चित करेंगे कि सभी लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से संतुष्टि के साथ काम करने का मौका मिले.


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जूनियर डॉक्टरों ने निकाला मार्च 
वहीं आकांक्षा माहेश्वरी के सुसाइड के बाद जूनियर डॉक्टर गुस्से में हैं. उन्होंने व्यवस्थाओं में सुधार की मांग को लेकर डीन को एक पत्र लिखा है. जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार की शाम को कैंडल मार्च भी निकाला. 


जूडा ने चिकित्सा मंत्री से की ये मांगें
जूडा ने डीन को पत्र सौंपते हुए कहा कि डॉ. आकांक्षा माहेश्वरी के सुसाइड से सभी लोग दुखी है. उन्होंने मानसिक तनाव, अत्यधिक काम के बोझ के कारण सुसाइड कर लिया. हम उच्च चिकिस्ता शिक्षा से मांग करते है कि पुरानी पारंपरिक संस्कृति पर विचार करना होगा. ताकि किसी भी डिग्री के कीमत पर किसी की जान न जाए. जूडा ने ये 6 मांगे मांगी है... 


1. सीट छोड़ने के बॉड को खत्म किया जाए.
2. हर 6 दिन के काम के बाद अवकाश मिले.
3. एक मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया जाना चाहिए.
4.  कॉलेज में शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित करें.
5. शिकायतकर्ता का नाम सार्वजनिक ने करने के साथ तुरंत समाधान हो.
6. बेहतर कार्य वातावरण को बढ़ावा मिले.