MP NEWS/मनीष पुरोहित: सावन के पवित्र महीने में मंदसौर के विश्व प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में प्रबंध समिति की ओर से दर्शनार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है.  प्रवेश मार्ग में आदेश को लेकर एक बोर्ड भी लगाया गया है और ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वालों को प्रवेश से रोका जा रहा है. बोर्ड के लगाए जाने के बाद मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मी भी हरकत में आए हैं और आने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस ना होने पर प्रवेश से रोक रहे हैं.


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मंदिर में लगाए गए बोर्ड में श्री पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति ने लिखा, 'मंदिर में आने वाली सभी महिलाएं, बालिकाएं एवं पुरुषों से अनुरोध है कि मंदिर परिसर में मर्यादित वस्त्र पहनकर ही आएं. छोटे वस्त्र जैसे हाफ पेंट बरमुंडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट कटी-फटी जींस आदि पहनकर आने पर बाहर से ही दर्शन कर सहयोग प्रदान करें. हम ही हमारी संस्कृति के रक्षक है.'  


विवाद कर रहे श्रद्धालु
मंदिर में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मी राकेश पाटीदार बताते हैं कि हम मंदिर में प्रवेश करने वाले यात्रियों को निर्देशित कपड़े ना होने पर अंदर जाने से रोकते हैं और उन्हें बाहर से ही दर्शन करवाते हैं. इस दौरान कुछ यात्री विवाद भी करते हैं. दूसरी ओर मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालु आरती मंदिर प्रबंधन समिति के इस फैसले के समर्थन में है. उनका यह कहना है कि हमें सनातन संस्कृति के अनुरूप वस्त्र धारण करके ही मंदिरों में दर्शन के लिए जाना चाहिए.


देर से आए लेकिन दुरुस्त आए
इस निर्णय से खुश होकर मंदिर में सेवा दे रही उमा बताती हैं कि यह निर्णय देर से लिया गया, लेकिन अच्छा निर्णय है. माता-पिता को अपने बच्चों में संस्कार डालना चाहिए. ताकि वह सनातन संस्कृति के अनुरूप ही वस्त्र पहनें. मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रबंधक ओमप्रकाश शर्मा बताते हैं कि मंदिर प्रबंध समिति की ओर से उचित दिशा निर्देश का बोर्ड लगाया गया है कि कोई ऐसे वस्त्र पहनकर मंदिर ना आए.


नेपाल की तरह दूसरा मंदिर
मंदसौर का विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर शिवना नदी के किनारे स्थित है. यहां भगवान पशुपतिनाथ की अष्ट मुखी विशाल प्रतिमा स्थापित है. इस तरह की प्रतिमा वाला भारत का यह एकमात्र मंदिर है. इसके अलावा नेपाल के काठमांडू में भगवान पशुपतिनाथ का इस प्रकार का मंदिर है. इस मंदिर की प्रसिद्धि विश्व भर में फैली है. इस अद्वितीय चमत्कारी प्रतिमा के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं.