भोपालः इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 (Electricity Amendment Bill 2022) के खिलाफ प्रदेश के 70 हजार बिजली कर्मचारियों ने हल्ला बोल दिया है. दरअसल कल से बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे. ऐसे में आशंका है कि कल प्रदेश में विद्युत व्यवस्था प्रभावित हो सकती है. बिजली कर्मचारियों ने बिल के विरोध में काम के बहिष्कार का ऐलान किया है. 


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बिजली कर्मचारी इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल (Electricity Amendment Bill) के तहत निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम के नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों ने आंदोलन करने का ऐलान किया है. बता दें कि सोमवार को लोकसभा में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल पेश किया जाएगा. देशभर के बिजली कर्मचारी इस बिल का विरोध कर रहे हैं. 


क्या है इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022
देश के बिजली सेक्टर में बड़े बदलाव के मकसद से सरकार यह बिल लाने जा रही है.बताया जा रहा है कि इस बिल से पूरे बिजली सेक्टर में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ाने का रास्ता भी खुल जाएगा. बीते बुधवार को इस बिल को यूनियन कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. इस एक्ट में ये भी प्रावधान किया गया है कि अभी सरकारी बिजली वितरण कंपनियां का हजारों करोड़ रुपए का इंफ्रास्टक्चर भी निजी कंपनियां किराया देकर इस्तेमाल कर सकेंगी. पावर मिनिस्टर आरके सिंह ने शुक्रवार को संसद में इसकी जानकारी दी.जिसमें उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल से रिटेल पावर डिस्ट्रिब्यूशन में कंपटीशन बढ़ेगा. साथ ही इससे स्टेट इलेक्ट्रिक रेगुलेटरी कमीशन समय-समय पर टैरिफ की समीक्षा भी कर सकेगा. 


ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है. फेडरेशन की मांग है कि इस बिल को संसद में पेश ना किया जाए. फेडरेशन का कहना है कि इस बिल को संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के पास विचार के लिए भेज देना चाहिए. साथ ही सभी स्टेक होल्डर्स से पूरी पारदर्शिता के साथ चर्चा की जाए.