आकाश द्विवेदी/भोपालः मध्य प्रदेश में बिजली महंगी हो गई है. पावर मैनेजमेंट कंपनी ने FCA पर 10 पैसे बढ़ा दिए हैं. इसके चलते अब मध्य प्रदेश में उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली की खपत पर करीब 22 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे. फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट में 10 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है, जिसके बाद अब उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट एफसीए चार्ज के रूप में 20 पैसे का भुगतान करना होगा. ये बढ़ी हुई दरें आज से ही लागू होंगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि पावर मैनेजमेंट कंपनी हर तीन महीने में FCA बढ़ाती है. बढ़ी हुई नई दरें अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक लागू रहेंगी. इससे पहले अप्रैल और जुलाई में एफसीए चार्ज बढ़ाया गया था. बीते एक साल में पावर कंपनी ने एफसीए चार्ज के तौर पर 37 पैसे की बढ़ोत्तरी की है. हालांकि 100 यूनिट तक बिजली की खपत करने वालों को फिलहाल 100 रुपए ही देने होंगे क्योंकि इसकी भरपाई सरकार बिजली कंपनियों को सब्सिडी देकर करती है. 


क्या होता है FCA
FCA की फुल फॉर्म Fuel Cost Adjustment होती है. कोयला ट्रांसपोर्टेशन पर ही फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट निर्भर करता है. एफसीए का निर्धारण बिजली कंपनियां नियामक आयोग से कराती हैं. बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से बिजली दरों के अलावा एफसीए चार्ज भी वसूलती हैं. इससे पहले बिजली कंपनियों ने इसी साल अप्रैल में भी बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी की थी. बिजली की कीमतों में औसतन 2.64 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी.  


कोयला की कीमत मांग और आपूर्ति के आधार पर बदलती रहती है. बिजली उत्पादन कंपनियां इसकी वसूली बिजली वितरण कंपनियों से करती हैं और बिजली वितरण कंपनियां इसे उपभोक्ताओं से वसूलती हैं. बिजली के बिल में फिक्स चार्ज और खपत के अलावा एफसीए और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का चार्ज भी जुड़ा रहता है. इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी 100 यूनिट पर 9 फीसदी और इससे अधिक खपत पर 12 फीसदी लगती है.