निधि/नई दिल्ली: ये कहना गलत नहीं होगा कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स ने हमारी जिंदगी को  बेहद आसान कर दिया है. इन गैजेट्स की वजह से हमारे कठिन से कठिन काम कम समय में आसानी से पुरे  हो जाते हैं. जहां इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मनोरंजन का भी साधन बना हुआ है. वहीं दूसरी तरफ यह लोगों को बीमार भी बना रहा है.


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आज हम जानेंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से पैदा होने वाली बीमारियों के बारे में​


इन्सोम्निया
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करने से जो सबसे पहले अहम बीमारी लगती है वो है इन्सोम्निया यानी की अनिद्रा, मोबाइल, लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से आपकी निंद कम होने लगती  है.


रिपिटिटिव इंजरी का खतरा
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स-मोबाइल और टेबलेट के इस्तेमाल के दौरान व्यक्ति एक ही पोजिशन में काफी देर तक बैठा रहता है, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी पर काफी इफेक्ट पड़ता है। एक ही पोजीशन में बैठ कर काम करते रहने से रिपिटिटिव इंजरी का खतरा बना रहता है.


मोटापे का बढ़ाना
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स ने हमारे काम को  काफी आसान बना दिया है जिसके लिए हमे परिश्रम कम करना होता है यही कारण है जिसकी वजह से लोग मोटापे का शिकार होते जा रहे हैं वहीं ऑफिस गोइंग लोगों को कई घंटों तक एक ही जगह पर बैठकर काम करना होता है जिनमें  मोटापे और बढ़ते वजन की समस्याएं ज्यादा देखी जाती है.


स्ट्रेस का बढ़ना
जहां मोबाइल-गैजेट्स लोगों का मनोरंजन भी करता है वहीं ये लोगों के स्ट्रेस का कारण भी बनता है मोबाइल, टेबलेट  पर ज्यादा देर तक समय बिताने से लोग एक-दूसरे से अलग होते जाते हैं।इतना ही नहीं इसके अधिक इस्तेमाल के कारण परिवारों में भी समस्याएं बढ़ रही हैं, जिसके चलते लोग तनाव का भी शिकार हो रहे हैं।


इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से पैदा होने वाली बीमारियों से बचने के लिए हमको सबसे पहले हम सबको लाइफस्टाइल को बदलना होगा और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर डिपेंडेंसी को कम करना होगा. क्योंकि भविष्य में ये आदतें और भी खतरनाक रूप ले सकती हैं.


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