UPSC Fraud Case: दिल्ली कोर्ट ने यूपीएससी रिजर्वेशन में पूजा खेडकर द्वारा किए फर्जीवाड़ा पर सख्त रुख अपनाया हुआ है. पूजा द्वारा लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने उन्हें बेल देने से साफ इनकार कर दिया है.
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Delhi HC decision On Pooja Khedkar Case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी औरओबीसी रिजर्वेशन पॉलिसी का गलत लाभ उठाने के आरोपों में पूर्व ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Ex. Trainee IAS officer Pooja Khedkar) को राहत देने से इनकार कर दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने उनकी एंटीसिपेटरी बेल पिटीशन रिजेक्ट करते हुए कहा कि यह मामला समाज और संवैधानिक व्यवस्था के साथ गंभीर धोखाधड़ी का है, जिसमें गहन इंवेस्टिगेशन की जरुरत है. यहां जानिए आखिर क्या है पूरा मामला...
आखिर क्या है पूरा मामला?
पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में ओबीसी और दिव्यांग कोटे का गलत लाभ उठाने के लिए अपने आवेदन में फर्जी जानकारी दी. इसके आधार पर संघ लोक सेवा आयोग ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया.
अदालत का फैसला
न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने एंटीसिपेटरी बेल पिटीशन रिजेक्ट करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया खेडकर के खिलाफ एक मजबूत मामला बनता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल संवैधानिक संस्थान के साथ धोखाधड़ी का मामला नहीं है, बल्कि समाज के साथ भी विश्वासघात है.
यूपीएससी और पुलिस का पक्ष
यूपीएससी के वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक और वकील वर्धमान कौशिक ने अदालत में खेडकर की जमानत याचिका का विरोध किया. दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में खेडकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत एफआईआर रजिस्टर्ड की है.
खेडकर का पक्ष
पूजा खेडकर ने अदालत में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी भी तरह की धोखाधड़ी नहीं की और उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों में कोई ठोस आधार नहीं है.
समाज और संवैधानिक महत्व का मामला
अदालत ने यह कहते हुए एंटीसिपेटरी बेल पिटीशन रिजेक्ट की कि यह मामला न केवल व्यक्तिगत कानून उल्लंघन का है, बल्कि समाज और संविधान के मूल्यों के साथ धोखाधड़ी का गंभीर मुद्दा है. इतना ही नहीं कोर्ट ने खेडकर की गिरफ्तारी से पहले के अंतरिम प्रोटेक्शन को भी समाप्त कर दिया.