अरुण त्र‍िपाठी/उमर‍िया: बांधवगढ़ में हाथियों का खातिरदारी का हाथी महोत्सव का आरम्भ हो गया है. सात दिवसीय इस आयोजन में हाथियों की विशेष सेवा, नहलाने धुलाने, तेल मालिश की जाती है. विशेष व्यंजन खिलाने से लेकर पूरे शरीर का चिकित्सकीय परीक्षण कराया जाता है. पार्क प्रबंधन से लेकर पूरे जिले के लोग हाथी महोत्सव का आनंद उठाते हैं. 


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सात दिवसीय हाथी महोत्सव की शुरुआत
उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ टाइगर रिजर्व में शनिवार से सात दिवसीय हाथी महोत्सव की शुरुआत की गई है. इस आयोजन में बांधवगढ में मौजूद 14 पालतू हाथियों की विशेष सेवा कर उन्हें आगामी वर्ष के लिए रिफ्रेश किया जाता है. 


रेस्क्यू या सरंक्षण का कोई कार्य 
बता दें क‍ि जंगली हाथी वर्ष भर बांधवगढ में वन्य जीवों के रेस्क्यू, वन एवं वन्य जीवों के सरंक्षण में विशेष योगदान देते हैं जिसके कारण पार्क प्रबंधन बीते वर्ष 2014 हाथी महोत्सव का आयोजन कर इन्हें सात दिवसीय विश्राम देता है और इस दौरान इनसे रेस्क्यू या सरंक्षण का कोई कार्य नहीं लिया जाता है. 


हाथी को नहलाने के बाद होती है तेल माल‍िश 
हाथी महोत्सव के दौरान हाथियों को सुबह से ही महावत स्नान कराते हैं जिसके बाद उनकी तेल से मालिश की जाती है. पैर में हुए घावों का इलाज किया जाता है फिर मस्तक में चंदन का लेप लगाकर उनकी पूजा की जाती है और उनके पसंदीदा व्यंजन गुड़, गन्ना, केला, सेब, नारियल आदि फल खिलाए जाते हैं. 


 



पूरे ज‍िले से पहुंचते हैं लोग इस महोत्‍सव को देखने  


हाथी महोत्सव का आयोजन कर पार्क प्रबंधन उन्हें आराम तो देता ही है, साथ ही हाथियों को उनके परिवार से मिलने-जुलने और संसर्ग स्थापित करने का समय देता है. हाथी महोत्सव का आनंद लेने पूरे जिले से लोग पंहुचते है और हाथियों की पूजा अर्चना कर उन्हें अपने हाथों से व्यंजन खिलाते हैं. पार्क प्रबंधन द्वारा इस वर्ष से हाथियों का प्रबंधन और देख-रेख करने वाले महावतों को स्वीम ड्रेस दिलाने का प्रस्ताव रखा है जो भीषण ठंड के मौसम में हाथियों को स्नान कराते समय उन्हें ठंड से बचाएगा. 


बांधवगढ़ में हैं 14 हाथी 


बांधवगढ में वर्तमान में नर मादा एवं बच्चे मिलाकर कुल 14 हाथी हैं जिसमे गौतम नामक हाथी की उम्र सबसे ज्यादा 74 वर्ष की है. बांधवगढ में वन्य जीवों के सरंक्षण में जितना प्रबंधन काम करता है उतना ही ये हाथी हाथ बंटाते हैं. मुश्किल से मुश्किल जगहों पहाड़ों, खोह नदी-नालों में फंसे वन्य जीवों को रेस्क्यू करने में इन हाथियों को महारत हासिल है. यही वजह है कि बांधवगढ़ में वन्य जीवों का सरंक्षण दुनिया भर में प्रसिद्ध है. 


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