नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेटियों के मामा कहे जाते हैं. एमपी में शिवराज सरकार बेटियों के लिए कई तरह की योजना चलाकर उन्हें लाभ देने की कोशिश में लगी है.  शिवराज सरकार ने महिलाओं पर भी काफी फोकस दिया है. कई राज्यों ने तो इससे प्रभावित होकर यहां की योजनाओं को अपने प्रदेश में लागू भी किया है. सबसे खास बात ये कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री हर सरकारी कार्यक्रम से पहले कन्या पूजन करते हैं.


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कॉलेज छात्राओं को 25 हजार मिलेंगे
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 योजना (Ladli Laxmi Yojana 2.0) की शुरुआत 1 अप्रैल 2007 से हुई है. इसके तहत 12वीं पास करके कॉलेज में जाने वाली छात्रा को 25000 रुपये मिलेंगे. अलग से दो किस्तों में यह राशि दी जाएगी. एडमिशन लेने पर 12500 और इतने ही रुपए पढ़ाई पूरी करने पर दिए जाएंगे. वहीं, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम में पढ़ने वाली छात्राओं की पूरी फीस राज्य सरकार भरेगी. जब से योजना शुरू हुई तब से अभी तक इस योजना में 42 लाख से अधिक ने पंजीयन करवाया है, इसके अलावा इसमें 9 लाख 20 हजार 839 छात्राओं को छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है.


जब सीएम को मिली 50 हजार बेटियों की चिट्ठी
8 मई 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 50 हजार से ज्यादा बेटियों ने चिट्ठियां लिखकर भेजी थी. चिट्ठी में बेटियों द्वारा लिखा गया था कि उन्हें लाड़ली लक्ष्मी योजना का पढ़ाई में बहुत लाभ मिला है.



एमपी में मिला 50% आरक्षण
एमपी में 2007 में शिवराज सरकार ने नेतृत्व में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50% आरक्षण दिया था. 


हर सरकारी काम से पहले बेटियों की पूजा
देश में शिवराज सिंह सरकार ऐसी पहली सरकार है, जो सभी सरकारी कार्यक्रम 'बेटियों की पूजा' के साथ शुरू करती है. इसकी आधिकारिक घोषणा 25 दिसंबर को 2020 को हुई थी. CM चौहान ने 15 अगस्त 2022 को घोषणा की थी कि राज्य के सभी सरकारी कार्यक्रम 'बेटियों की पूजा' के साथ शुरू होंगे.


3 बेटियों की शादी करवाई
आपको जानकर हैरानी होगी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तीन दत्तक बेटियां भी थीं. सीएम 1998 में  इन तीनों बेटियों को अपने साथ लाए थे, उनके लालन-पालन की जिम्मेदारी विदिशा के मुखर्जी नगर स्थित सुंदर सेवा आश्रम को दी. तब से ही तीनों यहीं रह रही हैं. 1998 में तीनों करीब ढाई साल की थीं. तीनों ही बेटियां बड़ी हो गईं, 15 जुलाई को उनकी शादियां संपन्न हुई थी.



बेटियों के लिए एमपी में चल रही इतनी योजनाएं
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 42 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मियां दर्ज हैं. जिसने कन्या भ्रूण हत्या जैसे पाप में रोक और लैंगिक अनुपात को भी समानता प्रदान की है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में कन्या विवाह/ निकाह योजना, लाड़ो अभियान, स्वागतम लक्ष्मी योजना, शौर्या दल, उदिता योजना, लालिमा योजना, ऊषा किरण योजना, वन स्टॉप सेंटर, अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना और मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम है.


बेटियों की संख्या में हो रहा इजाफा
1 दिसंबर 2021 नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस)-5 की रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें एमपी के लिए खुशखबरी है, प्रदेश में बेटियों का मान बढ़ रहा है. लाड़लियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2015-16 में जहां एक हजार बेटों पर 927 बेटियां जन्म ले रही थीं, वहीं 2020-21 में 956 बेटियों का जन्म हुआ है. बता दें कि शहरी क्षेत्र में प्रति हजार 948 बेटियां है जबकि ग्रामीण इलाकों में एक हजार बेटों पर 959 बेटियां हो गई हैं. इससे साबित हो रहा है कि मप्र में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं जैसे अभियान बालिका संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं.