Emerging Madhya Pradesh: विश्वास सारंग की गिनती आज प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और शिवराज सरकार के सबसे ताकतवर मंत्रियों में होती है.बता दें कि विश्वास सारंग भोपाल की नरेला विधानसभा सीट से तीसरी बार के विधायक हैं. उनके पास शिवराज सरकार के चिकित्‍सा शिक्षा,भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास के विभाग हैं. 


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भारतीय जनता युवा मोर्चा से की थी राजनीतिक करियर की शुरुआत
विश्वास सारंग ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी के युवा संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा से की थी.वे 1993 से 1995 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रहे. फिर वे भारतीय जनता युवा मोर्चा में भोपाल शहर के जिलाध्यक्ष बने. वो 1998 से 2001 तक इस पद पर थे. साथ ही वो 2002 से 2004 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य थे. इसके अलावा वो 2004 से 2007 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश महासचिव और 2007 से 2010 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे.


1999 में जीता पार्षद का चुनाव
विश्वास सारंग 1999 से 2004 तक भोपाल नगर निगम वार्ड 14 के पार्षद रहे. इसके बाद पार्टी ने 2008 में इतने साल की सेवा का इनाम देते हुए उनको 2008 में पहली बार नरेला विधानसभा से विधायक का टिकट दिया था. जहां पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए उन्होंने जीत हासिल की और पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में पहुंचे थे. 2013 के विधानसभा चुनाव में विश्वास सारंग ने दूसरी बार विधायक का चुनाव जीता था. इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में विश्वास सारंग ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ महेंद्र सिंह चौहान को चुनाव हराया था.


उन्हें 2016 में भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास एवं सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली थी. वर्तमान में विश्वास सारंग मध्यप्रदेश सरकार में चिकित्‍सा शिक्षा,भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री हैं. 



एक लाख से ज्यादा बहनों ने रक्षा सूत्र बांधा


अभी हाल ही में रक्षा बंधन में एक लाख 12 हजार बहनों ने विश्वास सारंग को रक्षा सूत्र बांधकर नया कीर्तिमान स्थापित किया था. बता दें कि नरेला विधानसभा क्षेत्र में पिछले 13 साल से नरेला रक्षाबंधन उत्सव होता है.जिसमें हर वार्ड की हजारों बहनें मंत्री सारंग को रक्षा सूत्र बांधती हैं.


हिंदी भाषा में एमबीबीएस की पढ़ाई 
मध्य प्रदेश में जल्द ही हिंदी भाषा में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की जा सकती है. आपको बता दें कि आजादी के बाद ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा. इस महीने से शुरू हो रहे नए सत्र से इसकी शुरुआत हो सकती है.विश्वास सारंग के चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री रहते ही मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन सकता है जहां पर हिंदी भाषा में एमबीबीएस की पढ़ाई होगी.