सिंधिया को मिली शिकायत, एक इशारे पर अशोकनगर पहुंचे तोमर, अफसरों का इंक्रीमेंट रोका, जानिए मामला?
Ashoknagar News:मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में लोग बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. इस मामले की जानकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया तक पहुंची, जिसके बाद ऊर्जा मंत्री ने विद्युत अधिकारियों पर कार्रवाई की.
MP News: मध्य प्रदेश में बढ़ती गर्मी और लू के बीच अशोकनगर के लोगों को बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है, जिससे उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, लगातार बिजली कटौती का यह मामला क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास पहुंच गया है. सिंधिया ने इस मामले में ऊर्जा मंत्री को बिजली व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए, जिसके बाद शासन-प्रशासन में हंगामा मच गया है.
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जानिए पूरा मामला?
दरअसल, अशोकनगर जिले में लोग बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग के कर्मचारी न तो फोन उठाते हैं और न ही जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं. लोगों ने इसकी शिकायत बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर से भी की थी. इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. इससे परेशान लोगों ने इस मामले की शिकायत क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से की. सिंधिया ने इस मामले की जानकारी ऊर्जा मंत्री को दी, जिसके बाद मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर तुरंत अशोकनगर पहुंचे और बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई
बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बार-बार बिजली गुल होने, जनता की शिकायतों पर ध्यान न देने और अन्य संबंधित मुद्दों पर अधिकारियों को फटकार लगाई. मंत्री ने कार्रवाई करते हुए बिजली कंपनी के डीई अंकुर गुप्ता और चंदेरी के जेई का एक इंक्रीमेंट रोकने का आदेश दिया. मंत्री तोमर ने कहा कि अशोकनगर में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की गई. अधिकारियों को क्षेत्र में बिजली से संबंधित सभी समस्याओं का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए गए. साथ ही, जनता की शिकायतों का समाधान करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के इंक्रीमेंट रोकने के निर्देश दिए गए.
ऊर्जा मंत्री पहुंचे अशोकनगर
ऊर्जा मंत्री जब अशोकनगर पहुंचे, तो लोगों ने बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की जमकर शिकायत की और लिखित आवेदन भी दिया. आवेदन पर कई किसानों ने अपने हस्ताक्षर भी किए. किसानों का आरोप है कि टूटे खंबों को भी ग्रामीणों को ही लगाना पड़ता है. अगर कोई तार टूट भी जाता है, तो उसे जोड़ने कोई नहीं आता, जिससे गांव में हर वक्त अंधेरा रहता है. बिजली कटौती की यह समस्या जिले की समस्या बन गई है.