Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मदरसों में मनमर्जी का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है. शुक्रवार को जब ZEE की टीम मदरसों का जायजा लेने पहुंची तो कई मदरसे बंद पाए गए. राज्य के अधिकतर मदरसों में रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश होता है. हालांकि, यह सरकार की गाइडलाइन के खिलाफ है, जिसके मुताबिक, रविवार को अवकाश रखना अनिवार्य है. 
 
मंदसौर जिले के अधिकतर मदरसों में शुक्रवार को अवकाश होता है, जबकि रविवार को मदरसा संचालित किया जाता है, जी मीडिया की टीम मदारपुरा स्थित मदरसा मुफीदुल इस्लाम पहुंची जहा शुक्रवार मदरसा बंद पाया गया. खानपुरा समेत शहर के कुछ मदरसे आज भी चल रहे थे. अवकाश होने की वजह से बात करने के लिए मदरसा संचालक कोई उपलब्ध नहीं था. पड़ोस में ही रहने वाले मोहम्मद जाहिद ने बताया कि मदरसे में जुम्मे को अवकाश रहता है और रविवार को मदरसा संचालित होता है.


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राष्ट्रगान पर कही ये बात
इधर, खंडवा में भी शुक्रवार यानी जुम्मे के दिन मदरसों में छुट्टी होती है. इस मुद्दे पर जब हमने मुस्लिम समाज बुद्धिजीवियों से बातचीत की तो पता चला कि शुक्रवार बड़ा दिन होता है. बच्चे नहा कर, कपड़े धोकर जुम्मे की इबादत करने मस्जिदों में जाते हैं. इसलिए छुट्टी रखी जाती है. इसके बदले में रविवार के दिन पढ़ाई की जाती है. राष्ट्रगान के मुद्दे पर बताया कि हम मां की पूजा नहीं करते उनकी हिफाजत करते हैं. पूरे सम्मान के इस राष्ट्र की सेवा करते हैं. इनका कहना है कि हम भी चाहते हैं कि मुसलमान का बच्चा टेक्नोलॉजी के इस युग में उच्च स्तर की पढ़ाई करें. टेक्नोलॉजी से रूबरू हो. इसलिए शासन को चाहिए कि वह भी मदरसों में तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था करें. जो बड़े और अच्छे मदरसे हैं वहां पर तो कंप्यूटर शिक्षा जैसी सुविधाएं हैं, लेकिन जो गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर मदरसे हैं उनमें यह सुविधा नहीं है.


राजगढ़ में भी बंद मिले मदरसे
राजगढ़ में शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ने के लिए मदरसों में छुट्टी रखी जाती है. राजगढ़ के रसूलपुरा मदरसे के प्रिंसिपल ने कहा कि शुक्रवार का दिन विशेष होता है. जुम्मे का दिन इसलिए रविवार को नहीं शुक्रवार को मदरसे की छुट्टी रखी जाती है. शुक्रवार के दिन बच्चे विशेष जुम्मे की नमाज पढ़ते हैं और अन्य तमाम काम भी करते हैं. प्रिंसिपल का कहना है कि रविवार का दिन हमारे लिए खास नहीं होता.


भाजपा विधायक ने साधा निशाना
बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि हम राष्ट्रवादिता को प्रणाम करते हैं. कोई देशद्रोहिता का काम करेगा तो उससे हमारी दुश्मनी पक्की है. मदरसों में देशद्रोहिता का काम चलता है. आप असम और जम्मू कश्मीर देखी वहां क्या हो रहा है. आधुनिक तकनीकी शिक्षा के दौर में उन्हें शिक्षा से जोड़ना बहुत जरूरी है. फिर से जीने मदरसा बोर्ड ने अनुमति नहीं दी जिनको शिक्षा विभाग की अनुमति नहीं है वह कैसे चल सकते हैं. कई मदरसे बोर्ड और शिक्षा मंडल की बिना अनुमति के चल रहे हैं. छोटे से कमरे में 30-40 बच्चे पढ़ते हैं. इससे मानव तस्करी बंधुआ मजदूरी के आशंका उत्पन्न होती है जिसको लेकर सरकार सतर्क है.


भोपाल से आकाश द्विवेदी, खंडवा से प्रमोद सिन्हा, मंदसौर से मनीष पुरोहित और राजगढ़ से अनिल नागर की रिपोर्ट