अजय राठौड़/श्योपुर: कूनो नेशनल पार्क से बुरी खबर आई है. मादा चीता साशा की कूनो नेशनल पार्क में मौत हो गई. रविवार को तबीयत बिगड़ने के बाद साशा का इलाज चल रहा था. दोपहर में इलाज के दौरान मादा चीता साशा की मौत हो गई. किडनी में संक्रमण के कारण वह पिछले दो महीने से बीमार चल रही थी. मादा चीता साशा को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था. साशा का पीएम डॉक्टरों की निगरानी में रहेगा. सीसीएफ उत्तम शर्मा, डीएफओ पीके वर्मा कूनो पहुंचे. 17 सितंबर को साशा  8 चीतों के साथ नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क आई थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को कूनो में मादा चीता साशा को छोड़ा था.


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22 जनवरी से लगातार चल रहा था इलाज
मिली जानकारी के मुताबिक 22 जनवरी को साशा की तबीयत में दिक्कत हुई थी. इसके बाद से कूनो नेशनल पार्क के सभी वन्यजीव चिकित्सक और नामीबिया के विशेषज्ञ डॉ. इलाई वाकर लगातार मादा चीता का इलाज कर रहे थे. इसके अलावा साशा के इलाज के संबंध में प्रिटोरिया यूनिवर्सिटी साउथ अफ्रीका, डॉ. एड्रियन टोरडीफ और चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन नामीबिया के विशेषज्ञ भी लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और साशा के इलाज को लेकर फोन के जरिए संपर्क में थे.वन विभाग के मुताबिक, 15 अगस्त 2022 को भारत आने से पहले नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट हुआ था. जिसमें उनका क्रिएटिनिन लेवल 400 से ज्यादा था. जिससे पता चलता है कि नामीबिया से भारत आने से पहले ही साशा को किडनी की बीमारी थी.


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी देश नामीबिया से आए आठ चीतों को छोड़े थे. इन आठ चीतों में से 5 मादा चीते थे, जबकि 3 नर चीते थे.ये प्रोजेक्ट चीता का हिस्सा बने थे.  अब इनमें से एक मादा चीता साशा की मौत हो गई है